रिपोर्ट: Rohtas Darshan चुनाव डेस्क | पटना | Updated: 20 नवंबर 2025: बिहार में 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही नीतीश कुमार ने गुरुवार को अपने नए मंत्रिमंडल के जरिए एक बार फिर सामाजिक और जातीय संतुलन साधने की कोशिश की है। 26 मंत्रियों की टीम में सीएम नीतीश ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि सरकार में हर जातीय समूह और प्रभावशाली राजनीतिक वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

इस नए मंत्रिमंडल में—

•             JDU कोटे से 8 मंत्री

•             BJP कोटे से 14 मंत्री

•             LJP (रामविलास) के 2

•             राष्ट्रीय लोक मोर्चा से 1

•             हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा से 1

को शामिल किया गया है।

 राजपूतों को सबसे बड़ा प्रतिनिधित्व

इस बार राजपूत समाज को मंत्रिमंडल में सबसे मजबूत हिस्सेदारी दी गई है। राजपूत समुदाय से निम्न नाम शामिल किए गए—

•             संजय टाइगर

•             श्रेयसी सिंह

•             लेसी सिंह

•             संजय कुमार सिंह

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, राजपूत समाज का दबदबा कई सीटों पर निर्णायक माना जाता है। इसलिए NDA ने इस वर्ग को अधिक हिस्सेदारी देकर आगामी 2025 विधानसभा चुनाव से पहले मजबूत समीकरण बनाने की कोशिश की है।

भूमिहार और ब्राह्मण भी साधे

भूमिहार समाज से—

•             विजय कुमार सिन्हा

•             विजय कुमार चौधरी

को जगह मिली है।

वहीं ब्राह्मण प्रतिनिधित्व के रूप में—

•             मंगल पांडेय

को फिर मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

यह संदेश साफ है कि ऊपरी सवर्ण तबकों को राजनीतिक रूप से दरकिनार नहीं किया जाएगा।

कायस्थ, यादव और कुशवाहा के भी चेहरे

कायस्थ समाज से—

•             नितिन नबीन

फिर मंत्री बने हैं।

यादव समाज, जो बिहार की सबसे प्रभावी जातीय श्रेणी में आता है, से—

•             रामकृपाल यादव

•             बिजेंद्र प्रसाद

को कैबिनेट में जगह दी गई है।

वहीं NDA ने कोइरी–कुशवाहा वोट बैंक को साधने के लिए—

•             3 प्रतिनिधि

शामिल किए हैं।

 मुस्लिम समुदाय भी शामिल

अल्पसंख्यक समाज से—

•             मोहम्मद जमा खान

को दोबारा मंत्रिमंडल में जगह मिली है।

यह NDA का स्पष्ट संकेत है कि मुस्लिम समुदाय को भी पूरी तरह नहीं छोड़ा जाएगा।

 निषाद, पासवान, दलित, वैश्य—सबको संतुलित स्थान

निषाद समाज से—

•             रमा निषाद

•             मदन सहनी

को शामिल किया गया है।

वहीं दलित और अनुसूचित वर्ग प्रतिनिधित्व को मजबूत करते हुए—

•             लखेंद्र पासवान

•             सुनील कुमार

•             अशोक चौधरी

•             संजय कुमार पासवान

•             संतोष कुमार सुमन

को मंत्री बनाया गया है।

कुर्मी समाज से नीतीश के बेहद भरोसेमंद श्रवण कुमार फिर कैबिनेट में शामिल किए गए।

 कुल तस्वीर

इस पूरे मंत्रीमंडल में—

•             मुख्यमंत्री सहित 13 मंत्री OBC, EBC और वैश्य वर्ग से

•             सवर्ण वर्ग का प्रतिनिधित्व सुरक्षित

•             यादव और कुशवाहा जैसे निर्णायक वोट बैंक को प्राथमिकता

यानी एक बार फिर नीतीश कुमार की राजनीति का क्लासिक फार्मूला सामने दिखा:

“सत्ता जातीय संतुलन से चलती है, और चुनाव भी इसी संतुलन से जीते जाते हैं।”

राजनीतिक संदेश

यह कैबिनेट साफ संकेत देता है कि—

•             NDA ने अभी से 2025 विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।

•             नीतीश कुमार ने जातीय समीकरण ऐसे सेट किए हैं कि कोई भी बड़ा सामाजिक वर्ग नाराज होकर विपक्ष की ओर न झुक सके।

•             मंत्रिमंडल में शामिल चेहरों से अगली रणनीति स्पष्ट है—

“सत्ता की रक्षा विकास नहीं, सामाजिक गणित से होती है।”

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