रिपोर्ट: Rohtas Darshan चुनाव डेस्क | गुरुग्राम | Updated: 20 नवंबर 2025: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार से जुड़े एक बड़े कारोबारी को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने सोमवार को रियल एस्टेट व्यवसायी अमित कात्याल को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत हिरासत में लिया। अधिकारियों के अनुसार, गुरुग्राम में घर खरीदारों से कथित धोखाधड़ी और 300 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध धनराशि इस कार्रवाई की मुख्य वजह बनी है।

ईडी का दावा है कि अमित कात्याल सिर्फ एक सामान्य कारोबारी नहीं थे, बल्कि लालू परिवार के ‘फाइनेंशियल मैनेजर’ की तरह काम करते थे। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कात्याल ने कई कंपनियों के जरिए अवैध लेनदेन कर पैसे को वैध दिखाने की कोशिश की।

कौन हैं अमित कात्याल?

दिल्ली के रहने वाले अमित कात्याल लंबे समय से रियल एस्टेट बिजनेस में सक्रिय हैं। उनका नाम कई कंपनियों से जुड़ा रहा है, जिनमें प्रमुख हैं:

•             Angle Infrastructure Pvt. Ltd.

•             AK Infosystem Pvt. Ltd.

ईडी के मुताबिक, इन कंपनियों का इस्तेमाल जमीन खरीदने, निवेश करवाने और संदिग्ध रकम को वैध दिखाने के लिए किया गया। एजेंसी को शक है कि कई सौ करोड़ रुपये इन्हीं कंपनियों के माध्यम से इधर–उधर किए गए।

लालू परिवार से क्या है रिश्ता?

ईडी ने दावा किया है कि अमित कात्याल वर्षों से लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के बेहद करीबी रहे हैं। उनके खिलाफ लगे आरोपों और केस की जड़ ‘जमीन के बदले नौकरी’ मामले से जुड़ी है।

•             AK Infosystem Pvt. Ltd. पहले कात्याल की कंपनी थी,

बाद में इसे लालू परिवार से जुड़े लोगों के नाम ट्रांसफर किया गया।

•             यही कंपनी उन जमीनों की मालिक बनी,

जिनका संबंध रेलवे भर्ती घोटाले यानी ‘जमीन के बदले नौकरी’ केस से बताया जाता है।

इस मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, उनकी बेटियां और अमित कात्याल—सभी सह–आरोपी हैं।

ईडी पहले ही इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। अब कात्याल की गिरफ्तारी से जांच और तेज हो सकती है।

क्यों बढ़ी ईडी की सक्रियता?

जांच एजेंसियों के अनुसार:

•             300 करोड़ से अधिक की धनराशि संदिग्ध तरीके से लेनदेन के जरिए आगे बढ़ाई गई।

•             जमीन खरीद, कंपनियों के ट्रांसफर और बैंकिंग चैनलों के दुरुपयोग के प्रमाण मिलने के बाद गिरफ्तारी की गई।

जांच अधिकारी यह भी मानते हैं कि कात्याल राजनीतिक रूप से प्रभावशाली संपर्कों के कारण लंबे समय से शेल कंपनियों और नकली निवेश के जरिए बड़े पैमाने पर धन प्रवाह संभाल रहा था।

ईडी इस गिरफ्तारी के बाद जुड़े अन्य लेनदेन और संपत्ति की जांच भी कर सकती है।

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