
रिपोर्ट: Rohtas Darshan चुनाव डेस्क | नई दिल्ली। | Updated: 19 नवंबर 2025: यदि आपके घर में कार, बाइक या कोई अन्य वाहन है, तो जल्द ही आपको जेब ढीली करनी पड़ेगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पूरे देश में वाहन फिटनेस टेस्ट की फीस बढ़ा दी है। साथ ही वाहन की उम्र के आधार पर शुल्क अब पहले से अधिक हो गया है।
पहले 15 साल पुरानी गाड़ियों पर अधिक शुल्क लागू होता था, लेकिन अब यह सीमा घटाकर 10 साल कर दी गई है। यानी आपकी कार, बाइक, जीप, बस या ट्रक 10 साल पुरानी है, तो फिटनेस टेस्ट कराने पर पहले से ज्यादा पैसा देना पड़ेगा।
यह बदलाव Central Motor Vehicle Rules (CMVR) – 5th Amendment के तहत लागू हो गया है।
अब वाहन की उम्र के हिसाब से 3 स्लैब
नए नियमों में गाड़ियों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है—
1️⃣ 10–15 साल पुरानी
2️⃣ 15–20 साल पुरानी
3️⃣ 20 साल से अधिक उम्र की
जैसे-जैसे वाहन पुराना होता जाएगा, फिटनेस टेस्ट का खर्च भी बढ़ता जाएगा।
10 साल होते ही बढ़ा खर्च
नए नियम के तहत—
✔ 10 साल पूरे होते ही वाहन श्रेणी के आधार पर बढ़ी हुई फीस देनी होगी।
रूल 81 में बदलाव के अनुसार—
🚲 दोपहिया वाहन
➡ नई फीस: ₹400
🚗 लाइट मोटर वाहन (कार, जीप आदि)
➡ नई फीस: ₹600
🚛 मीडियम या हेवी कमर्शियल वाहन
➡ नई फीस: ₹1000
पहले यह शुल्क 15 साल बाद लगता था, लेकिन अब 5 साल पहले ही लागू हो जाएगा।
20 साल पुराने वाहनों पर सबसे बड़ी मार
यदि आपका वाहन 20 साल से अधिक पुराना है, तो फिटनेस टेस्ट का शुल्क अब कई गुना बढ़ गया है—
🚌 बस – ट्रक (हेवी कमर्शियल)
➡ पुराना शुल्क: ₹2,500
➡ नया शुल्क: ₹25,000
मीडियम कमर्शियल वाहन
➡ पुराना शुल्क: ₹1,800
➡ नया शुल्क: ₹20,000
🚗 लाइट मोटर वाहन
➡ अब खर्च: ₹15,000
🛺 तीन पहिया वाहन
➡ नया शुल्क: ₹7,000
🏍 दोपहिया वाहन
➡ पुराना शुल्क: ₹600
➡ नया शुल्क: ₹2,000
पहले सभी पर समान शुल्क लागू था, लेकिन अब वाहन की उम्र के हिसाब से स्लैब तय किए गए हैं।
सरकार का तर्क
सरकार का कहना है कि इस बदलाव का मकसद—
✔ सड़क सुरक्षा बढ़ाना
✔ प्रदूषण पर नियंत्रण
✔ पुराने, अप्रभावी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाना
सरकार चाहती है कि लोग पुराने वाहनों को छोड़कर अधिक सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल वाहन इस्तेमाल करें।


