रिपोर्ट: Rohtas Darshan चुनाव डेस्क | बिहार | Updated: 18 नवंबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद आरजेडी के भीतर सियासी भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। लालू प्रसाद यादव की बेटी और किडनी डोनर रोहिणी आचार्य द्वारा लगाए गए आरोपों ने पार्टी में बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। रोहिणी ने तेजस्वी यादव समेत उनके दो बेहद करीबी सहयोगियों— संजय यादव और रमीज़ ख़ान—पर परिवार से निकालने और बदसलूकी के आरोप लगाए हैं।

रोहिणी के इन आरोपों के बाद अचानक रमीज़ ख़ान का नाम सुर्खियों में आ गया है, क्योंकि उनके बारे में आम जनता कम जानती है और उनकी पृष्ठभूमि विवादों से भरी रही है।

कौन हैं रमीज़ ख़ान?

रमीज़ ख़ान उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के रहने वाले पूर्व प्रथम श्रेणी क्रिकेटर हैं। ESPN के अनुसार वह 39 साल के हैं और 30 प्रथम श्रेणी मैचों में करीब 1500 रन बना चुके हैं। रमीज़ राजनीति में तब आए जब क्रिकेट मैदान पर तेजस्वी यादव से उनकी दोस्ती मजबूत हुई। बाद में यही रिश्ते राजनीतिक निकटता में बदल गए और रमीज़ तेजस्वी के “बिहाइंड द सीन” रणनीतिकार माने जाने लगे। पार्टी सूत्र उन्हें शैडो स्ट्रैटेजिस्ट भी कहते हैं।

परिवार और विवादित पृष्ठभूमि

रमीज़ की शादी ज़ेबा रिज़वान से हुई है, जो बलरामपुर के कद्दावर नेता और पूर्व सांसद रिज़वान ज़हीर की बेटी हैं।

रिज़वान ज़हीर पर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज रहे हैं और वे वर्तमान में जेल में बंद हैं।

रमीज़ और उनकी पत्नी ज़ेबा पर भी कई गंभीर केस दर्ज:

•             हत्या की साजिश

•             हत्या का प्रयास

•             गैंगस्टर एक्ट

•             जिला पंचायत चुनाव के दौरान मारपीट का मामला

2022 में दोनों को बलरामपुर के पूर्व चेयरमैन फ़िरोज़ पप्पू की हत्या की साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। दोनों अभी ज़मानत पर हैं।

राजनीति में बढ़ता प्रभाव

तेजस्वी यादव के निजी सोशल मीडिया हैंडलिंग से लेकर चुनावी रणनीति तक, रमीज़ की भूमिका लगातार बढ़ती गई। संजय यादव के राज्यसभा भेजे जाने के बाद रमीज़ तेजस्वी के “अनौपचारिक पीएस” की तरह काम करने लगे। तेजस्वी की हर यात्रा, रैलियों और कैंपेन में रमीज़ की भूमिका प्रमुख रही है।

रोहिणी आचार्य ने क्यों लगाया आरोप?

चुनाव में करारी हार के बाद रोहिणी ने परिवार और पार्टी दोनों से दूरी का एलान करते हुए कहा कि— “मेरा कोई परिवार नहीं है। मुझे तेजस्वी, संजय और रमीज़ ने परिवार से अलग किया।” इसके बाद से रमीज़ ख़ान की भूमिका और पार्टी में उनकी ताक़त पर सवाल उठने लगे हैं।

स्थानीय स्तर पर क्या कहते हैं लोग?

बलरामपुर के पुलिस अधिकारियों के अनुसार रमीज़ के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। हालांकि, रिज़वान ज़हीर के करीबी रिश्तेदारों का कहना है कि — “सारे केस राजनीतिक साजिश हैं।” फिलहाल इन मामलों की सुनवाई अदालत में लंबित है।

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