रिपोर्ट: Rohtas Darshan चुनाव डेस्क | बिहार | Updated: 17 नवंबर 2025: बिहार की राजनीति इन दिनों लालू–राबड़ी परिवार के भीतर मचे भीषण विवाद से गर्माई हुई है। शनिवार को लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद शुरू हुआ बवाल अब थमने का नाम नहीं ले रहा।

अब खबर है कि रोहिणी के अलावा लालू–राबड़ी की तीन और बेटियों—रागिनी, चंदा और राजलक्ष्मी—ने भी अपना पैतृक घर छोड़ दिया है।

रोहिणी का बड़ा आरोप—चप्पल से मारने की कोशिश, गालियां, घर से निकाला गया

शनिवार रात रोहिणी ने एक्स पर लिखा कि उनसे सवाल पूछे जाने पर उन्हें चप्पल से मारने की कोशिश की गई, गालियां दी गईं और घर से निकाल दिया गया।

रविवार को भी उन्होंने लगातार कई पोस्ट किए और इनमें

•             तेजस्वी यादव,

•             उनके करीबी संजय यादव,

•             और रमीज खान

पर कई गंभीर आरोप लगाए।

उन्होंने कहा कि—“मैंने अपने पति और ससुराल वालों की राय लिए बिना पिता को किडनी दी… लेकिन आज अफसोस हो रहा है।”

यहां तक कि उन्हें “गंदी महिला” और “गंदी किडनी देने वाली” तक कहा गया — ऐसा दावा भी उन्होंने किया।

तेजस्वी पर सीधा हमला – “किसी बेटी को शादी के बाद अपने घर के अपमान का हक नहीं”

रोहिणी ने अपने ताजा पोस्ट में साफ लिखा है कि यह सब उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव की वजह से हो रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि शादी के बाद किसी भी बेटी का प्राथमिक दायित्व अपने ससुराल और परिवार दोनों के प्रति सम्मान का होता है—लेकिन यहां उन्हें जलील किया गया।

 तेज प्रताप भी आए बहन के समर्थन में

इस विवाद में तेज प्रताप यादव भी कूद पड़े हैं। लंबे समय से परिवार से अलग चल रहे तेज प्रताप ने अपनी बहन का बचाव करते हुए कहा — “मेरी बहन का अपमान सहन नहीं करूंगा।” पहले ही परिवार में दरकिनार किए गए तेज प्रताप इस मौके पर तेजस्वी के खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं।

RJD की कमान को लेकर संघर्ष—मुख्य वजह यही?

जानकारों के मुताबिक परिवार में ये उथल-पुथल RJD नेतृत्व को लेकर है। बिहार चुनाव में करारी हार के बाद तेजस्वी यादव को

•             पार्टी नेताओं से,

•             गठबंधन सहयोगियों से,

•             और अब परिवार से भी आलोचना झेलनी पड़ रही है।

इस चुनाव में

•             RJD सिर्फ 25 सीटों पर सिमट गई,

•             जबकि पूरा महागठबंधन 35 सीटों पर रह गया।

अंदरखाने चर्चा है कि तेजस्वी को हटाकर RJD में नए नेतृत्व की मांग तेज हो रही है, और इसी वजह से परिवार में भी टकराव बढ़ गया है।

 फिलहाल स्थिति

लालू–राबड़ी परिवार की चार बेटियों का घर छोड़ना एक बड़ा संकेत माना जा रहा है— कि मामला सिर्फ “घरेलू कलह” नहीं बल्कि नेतृत्व संघर्ष का सीधा असर है। RJD और महागठबंधन पहले ही चुनावी हार से टूटे मन से गुजर रहे थे,

अब परिवारिक विवाद ने पार्टी को और भी संकट में ला दिया है।

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