
रिपोर्ट: Rohtas Darshan चुनाव डेस्क | पटना | Updated: 15 नवंबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने न केवल NDA की राजनीति बदल दी है, बल्कि बीजेपी के भीतर भी शक्ति संतुलन पर बड़ा असर डाला है। बिहार में NDA की ऐतिहासिक जीत का बड़ा श्रेय जिस नेता को दिया जा रहा है, वह हैं—केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान।
लंबे समय से बिहार की राजनीतिक रणनीतियों के केंद्र में रहे प्रधान की चुनावी मैनेजमेंट क्षमता एक बार फिर साबित हुई है। बिहार में NDA की इस जीत ने उनकी दावेदारी को मजबूत कर दिया है—खासतौर पर भाजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में।
धर्मेंद्र प्रधान और नीतीश कुमार: 15 साल से अधिक पुराना राजनीतिक रिश्ता
धर्मेंद्र प्रधान मूल रूप से ओडिशा से आते हैं, लेकिन बिहारी राजनीति से उनका संबंध दो दशक पुराना है।
2010 विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने बिहार में दो महीने तक कैंप कर रणनीति संभाली थी।
नीतीश कुमार और धर्मेंद्र प्रधान के संबंध इतने मजबूत हैं कि 2015 के एक सरकारी कार्यक्रम में नीतीश ने उन्हें हंसते हुए कहा था—”सह-बिहारी”।
यह साझेदारी यहीं खत्म नहीं हुई:
• अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय से दोनों के पारिवारिक संबंध
• BJP और JDU के बीच पुल का काम करते रहे धर्मेंद्र प्रधान
• 2014 में नीतीश की नाराज़गी के समय भी उन्होंने संबंध सुधारने की कोशिश की
• 2022 की राजनीतिक उथल-पुथल में भी दोनों की मीटिंग चर्चा में रही
यानी बिहार के हर बड़े राजनीतिक उतार–चढ़ाव में धर्मेंद्र प्रधान बैकएंड में सक्रिय रहे।
बिहार चुनाव 2025: प्रधान का रणनीतिक दिमाग कैसे काम आया?
बीजेपी हाईकमान ने इस बार भी बिहार चुनाव की बड़ी जिम्मेदारी धर्मेंद्र प्रधान को दी, जिसकी वजहें थीं:
✔ बीजेपी–JDU तालमेल को सही दिशा देना
✔ सीट शेयरिंग का मैनेजमेंट
✔ उम्मीदवार चयन का अंतिम खाका
✔ मोदी–शाह और नीतीश के बीच समन्वय
नतीजा—NDA की प्रचंड जीत।
BJP के अंदरूनी सूत्र मानते हैं—
“धर्मेंद्र प्रधान वह नेता हैं जो संगठन, गठबंधन राजनीति और ग्राउंड को एक साथ समझते हैं। बिहार की जीत BJP का नेशनल स्ट्रक्चर बदल सकती है।”
हरियाणा के बाद बिहार—धर्मेंद्र प्रधान के सितारे बुलंदी पर
धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले साल हरियाणा में कठिन परिस्थितियों में भी भाजपा को जीत दिलाई थी।
ओडिशा, उत्तर प्रदेश और अब बिहार—तीन राज्यों में उनकी रणनीतिक भूमिका ने उन्हें BJP का “चुपचाप जीत दिलाने वाला मास्टरमाइंड” बना दिया है।
यही कारण है कि BJP के भीतर अब यह चर्चा ज़ोर पर है कि—
क्या धर्मेंद्र प्रधान राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की ओर बढ़ रहे हैं?
क्या धर्मेंद्र प्रधान बन सकते हैं BJP के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष?
सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के दावेदारों में तीन नाम प्रमुख हैं, जिनमें से एक सबसे आगे है—
👉 धर्मेंद्र प्रधान
क्यों?
• लगातार तीन बड़े चुनावों में निर्णायक रणनीति
• संगठन व सरकार दोनों के साथ उनका भरोसेमंद समीकरण
• गठबंधन राजनीति की समझ
• मोदी–शाह के करीबी और भरोसेमंद चेहरा
• बिहार में ऐतिहासिक जीत का श्रेय
राजनीतिक जानकार मानते हैं—
“बिहार का जनादेश धर्मेंद्र प्रधान के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की दिशा में बड़ा कदम है।”


