
रिपोर्ट: Rohtas Darshan चुनाव डेस्क | पटना | Updated: 9 नवंबर 2025:
पहले चरण के बाद अब दूसरे चरण पर सबकी निगाहें
बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण (121 सीटों) का मतदान 6 नवंबर को संपन्न हो चुका है।
अब सभी राजनीतिक दलों ने 11 नवंबर को होने वाले दूसरे और अंतिम चरण के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।
इस चरण में 122 सीटों पर मतदान होगा और 1302 उम्मीदवार मैदान में हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार, 9 नवंबर की शाम को चुनाव प्रचार थम जाएगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी।
राजद की साख दांव पर — सबसे ज़्यादा 70 उम्मीदवार दूसरे चरण में
इस चुनाव में महागठबंधन के प्रमुख घटक दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के खाते में कुल 143 सीटें आई हैं।
पहले चरण में 73 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है, जबकि दूसरे चरण में 70 उम्मीदवार अपनी साख बचाने और सीटें बढ़ाने की कोशिश में हैं।
यह चरण राजद के लिए निर्णायक माना जा रहा है, क्योंकि अधिकांश सीटें उत्तर और मध्य बिहार के उन क्षेत्रों में हैं जहाँ राजद का परंपरागत प्रभाव रहा है।
एनडीए की रणनीति: भाजपा और जदयू के बड़े चेहरे मैदान में
दूसरे चरण में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 53 उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि पहले चरण में 48 उम्मीदवारों का फैसला हो चुका है।
एनडीए के ही दूसरे प्रमुख घटक जनता दल (यू) के 44 उम्मीदवारों का भविष्य इस चरण के मतदान से तय होगा।
इसके अलावा लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के भी 15 प्रत्याशी चुनावी रणभूमि में हैं।
कांग्रेस और छोटे दल भी मैदान में सक्रिय
महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के 37 उम्मीदवार दूसरे चरण में भाग्य आजमा रहे हैं। पहले चरण में पार्टी के 24 उम्मीदवारों का फैसला हो चुका है।
वहीं, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के 10 उम्मीदवार और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के 4 प्रत्याशी भी इस चरण में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
मतदान प्रतिशत को लेकर चुनाव आयोग की उम्मीदें
पहले चरण में रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग के बाद चुनाव आयोग को उम्मीद है कि दूसरे चरण में भी मतदान प्रतिशत ऊँचा रहेगा। आयोग ने सभी जिलों को निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और पारदर्शी मतदान के निर्देश दिए हैं।
Rohtas Darshan विश्लेषण
बिहार चुनाव का यह दूसरा चरण राजद बनाम एनडीए के बीच निर्णायक लड़ाई लेकर आया है। राजद के अधिक उम्मीदवारों के कारण यह चरण तेजस्वी यादव की राजनीतिक साख के लिए अग्निपरीक्षा माना जा रहा है।
वहीं भाजपा-जदयू गठबंधन पहले चरण की वोटिंग ट्रेंड्स को बरकरार रखने की रणनीति पर काम कर रहा है। तीसरे मोर्चे और छोटे दलों की उपस्थिति मुकाबले को कई सीटों पर त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय बना रही है।
चरणवार उम्मीदवारों का आंकड़ा (संक्षेप में):



