
रिपोर्ट : रोहतास दर्शन क्राइम डेस्क | नई दिल्ली | Updated: 8 नवंबर 2025 :
सोने पर ‘फेक न्यूज’ — RBI का सख्त बयान
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वायरल उन खबरों को पूरी तरह निराधार और भ्रामक बताया है, जिनमें दावा किया गया था कि आरबीआई ने अपने सोने के भंडार से करीब 35 टन सोना बेच दिया है।
केंद्रीय बैंक ने अपने आधिकारिक एक्स (Twitter) हैंडल पर कहा कि —“RBI ने अपने भंडार से किसी भी प्रकार की सोने की बिक्री नहीं की है। सोशल मीडिया पर चल रही ऐसी खबरें अफवाह मात्र हैं। कृपया किसी भी वित्तीय सूचना के लिए केवल आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट या विश्वसनीय सरकारी स्रोतों पर भरोसा करें।”
PIB Fact Check ने किया कन्फर्मेशन
सरकार की फैक्ट चेक इकाई PIB Fact Check ने भी एक्स (Twitter) पर पोस्ट करते हुए स्पष्ट किया कि —
“कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया जा रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने भंडार से 35 टन सोना बेच दिया है। यह दावा फर्जी (Fake) है। आरबीआई ने ऐसा कोई लेन-देन नहीं किया है।”
वैश्विक संदर्भ : जब दुनिया खरीद रही है सोना
यह स्पष्टीकरण ऐसे समय आया है जब दुनिया भर के कई केंद्रीय बैंक, खासकर चीन, रूस, तुर्की और भारत, अपने गोल्ड रिजर्व बढ़ा रहे हैं। कई उभरती अर्थव्यवस्थाएं अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने और
सुरक्षित परिसंपत्ति (Safe Asset) के रूप में सोने को तरजीह दे रही हैं।
2022 में जब पश्चिमी देशों ने रूस के विदेशी भंडार को फ्रीज किया था, उसके बाद से वैश्विक सोना-खरीद में अभूतपूर्व तेजी आई है।
भारत के सोने के भंडार की मौजूदा स्थिति
RBI के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक —
• 31 अक्टूबर 2025 तक भारत का कुल गोल्ड रिजर्व वैल्यू बढ़कर 101.72 अरब डॉलर हो गई है।
• देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गोल्ड की हिस्सेदारी अब 15% के करीब पहुंच चुकी है — जो पिछले कई दशकों का उच्चतम स्तर है।
• दस साल पहले यही हिस्सा लगभग 7% था, यानी बीते दशक में यह दोगुना हो चुका है।
विश्लेषण : RBI के रुख का अर्थ
वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, RBI का यह त्वरित खंडन न सिर्फ अफवाहों पर नियंत्रण का संकेत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि केंद्रीय बैंक गोल्ड रिजर्व को रणनीतिक संपत्ति के रूप में देखता है, न कि मुनाफे के साधन के रूप में।
क्या कहता है RBI का संदेश
🔹 सोशल मीडिया पर फैल रही हर खबर पर भरोसा न करें।
🔹 वित्तीय डेटा और घोषणाओं के लिए केवल RBI की आधिकारिक वेबसाइट (rbi.org.in) देखें।
🔹 अफवाह फैलाने वालों पर आईटी अधिनियम के तहत कार्रवाई संभव है।
Rohtas Darshan की राय :
सोना भारतीय परंपरा का प्रतीक है — और आर्थिक सुरक्षा का भी। ऐसे में केंद्रीय बैंक की किसी भी गतिविधि पर गलत सूचना न सिर्फ वित्तीय प्रणाली, बल्कि जनविश्वास पर भी असर डालती है। RBI की यह पारदर्शिता, देश की वित्तीय स्थिरता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का उदाहरण है।
अफवाहों से नहीं, आधिकारिक आंकड़ों से अर्थव्यवस्था की सेहत मापिए।


