By Rohtas Darshan Digital Desk | मोतिहारी | Updated: November 6, 2025 :

अमित शाह ने मोतिहारी से दी चुनौती – “तीन पीढ़ी भी जाए, बिहार में अब बाहुबली नहीं जन्मेंगे”

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को मोतिहारी में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए राजद और कांग्रेस गठबंधन पर तीखा प्रहार किया।

उन्होंने कहा कि “राजद आज भी शहाबुद्दीन जैसे बाहुबलियों का जमाना वापस लाना चाहता है, लेकिन बिहार की जनता अब उस दौर में लौटने नहीं देगी।”

शाह ने जनता से कहा,

“लालू यादव की तीन पीढ़ियां भी आ जाएं, तब भी बिहार में शहाबुद्दीन जैसा कोई बाहुबली पैदा नहीं हो सकता।

बिहार में अब केवल विकास, शिक्षा और कानून का शासन चलेगा — गुंडागर्दी का नहीं।”

राजद, कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखा वार

अमित शाह ने अपने भाषण में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव, और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक साथ निशाने पर लिया।

उन्होंने कहा —

“जंगलराज में अपहरण, डकैती और खून-खराबे का राज था।

आज वही लोग फिर से सत्ता में आने का सपना देख रहे हैं।

राहुल गांधी किसानों और युवाओं के लिए नहीं, बल्कि घुसपैठियों को बचाने के लिए यात्रा निकालते हैं।”

शाह ने कहा कि “कांग्रेस और राजद की जोड़ी” बिहार को फिर से अराजकता की ओर ले जाएगी,

लेकिन पीएम मोदी और नीतीश कुमार की जोड़ी ने ‘जंगलराज से जनकल्याणराज’ की दिशा में राज्य को मोड़ा है।

महिला सशक्तीकरण योजना का जिक्र – जीविका दीदियों को भरोसा

अमित शाह ने अपने भाषण में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का भी उल्लेख किया।

उन्होंने कहा —

“पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार ने 1 करोड़ 41 लाख जीविका दीदियों के खाते में 10-10 हजार रुपए डाले हैं।

विपक्ष झूठ फैला रहा है कि यह पैसा वापस लिया जाएगा, लेकिन मैं कहता हूं — लालू यादव की चार पीढ़ियां भी आ जाएं,

तो भी कोई दीदी से यह पैसा वापस नहीं ले सकता।”

 विकास बनाम जंगलराज: अमित शाह का आंकड़ों से हमला

अमित शाह ने विकास की तुलना करते हुए कहा कि —

•             मनमोहन सिंह की सरकार ने बिहार को 10 साल में 2 लाख 80 हजार करोड़ रुपए दिए।

•             जबकि पीएम मोदी की सरकार ने 10 साल में 18 लाख 70 हजार करोड़ रुपए बिहार को भेजे।

उन्होंने कहा —

“मनमोहन सिंह 10 साल में बिहार सिर्फ 5 बार आए,

लेकिन मोदी जी 55 बार आए हैं — क्योंकि मोदी का दिल बिहार के लिए धड़कता है।”

राजनीतिक एंगल: ‘बाहुबली बनाम विकास’ का नैरेटिव

मोतिहारी की यह रैली राजनीतिक रूप से बेहद अहम मानी जा रही है।

बिहार चुनाव 2025 में एनडीए जहां “विकास और कानून व्यवस्था” के मुद्दे पर वोट मांग रही है,

वहीं राजद गठबंधन “महंगाई और बेरोजगारी” को मुख्य एजेंडा बना रहा है।

शाह का “शहाबुद्दीन जैसे बाहुबली अब नहीं पैदा होंगे” वाला बयान

राज्य में कानून व्यवस्था बनाम अपराधराज की बहस को फिर से तेज कर गया है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि —

“अमित शाह ने यह बयान जानबूझकर उत्तरी बिहार के मतदाताओं को साधने के लिए दिया है,

जहां 90 के दशक में शहाबुद्दीन का प्रभाव रहा था।

इससे एनडीए को मुस्लिम-यादव समीकरण के मुकाबले कानून-व्यवस्था वोट बैंक को सक्रिय करने में मदद मिल सकती है।”

मोतिहारी की राजनीतिक तस्वीर (सीट विश्लेषण)

•             मोतिहारी विधानसभा सीट (पूर्वी चंपारण) एनडीए का पारंपरिक गढ़ रही है।

•             2020 में भाजपा के प्रमोद सिंह ने राजद प्रत्याशी अब्दुल कय्यूम अंसारी को हराया था।

•             2025 में फिर वही आमना-सामना है, लेकिन इस बार

अमित शाह की एंट्री से माहौल ध्रुवीकृत (polarized) होने की संभावना है।

स्थानीय राजनीतिक पर्यवेक्षक कहते हैं —

“अमित शाह का भाषण भाजपा को अपने मूल वोट बैंक को एकजुट करने में मदद करेगा,

लेकिन राजद भी अब सामाजिक न्याय के एजेंडे के साथ पलटवार की तैयारी में है।”

 संपादकीय टिप्पणी (Rohtas Darshan View):

अमित शाह का मोतिहारी भाषण केवल चुनावी सभा नहीं, बल्कि बिहार के राजनीतिक नैरेटिव को तय करने वाला क्षण है।

जहां एनडीए “विकास और सुरक्षा” की बात कर रहा है, वहीं विपक्ष “महंगाई और बेरोजगारी” को मुद्दा बना रहा है।

अब देखना यह है कि जनता किस एजेंडे को स्वीकार करती है —

“बाहुबलीमुक्त बिहार” या “बदलाव का बिहार”।

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