
By Rohtas Darshan Digital Desk | Updated: October 23, 2025 | Patna : बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नज़दीक आ रहा है, राज्य में चुनावी सरगर्मी के साथ-साथ सख्त निगरानी भी तेज़ हो गई है। चुनाव आयोग (ECI) द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, आदर्श आचार संहिता (MCC) लागू होने के बाद से अब तक 71.57 करोड़ रुपये की नकदी, शराब, ड्रग्स और अन्य प्रतिबंधित वस्तुएं जब्त की जा चुकी हैं।
यह आँकड़ा इस बात का प्रमाण है कि आयोग और राज्य प्रशासन मतदाताओं को प्रलोभन देकर प्रभावित करने की हर कोशिश पर सख्ती से नकेल कसने में जुटा है।
अब तक की जब्ती का ब्योरा (Total ₹71.57 करोड़)

ताजा कार्रवाई : एक दिन में ₹2.57 करोड़ की जब्ती
मंगलवार को ही की गई कार्रवाई में 2.57 करोड़ रुपये मूल्य की अवैध संपत्ति जब्त हुई, जिसमें—
• ₹31.3 लाख नकद,
• ₹1.326 करोड़ की शराब,
• ₹85 लाख के नशीले पदार्थ,
• ₹20 लाख की कीमती धातुएं और
• ₹8.2 लाख मूल्य के मुफ्त उपहार शामिल हैं।
इसके अलावा, जमुई पुलिस, बिहार एसटीएफ और सीआरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई में एक एके-47 राइफल, लोडेड मैगज़ीन और 12 जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए।
संयुक्त एजेंसियों की सक्रियता
चुनाव आयोग ने बताया कि राज्य में पुलिस, आबकारी विभाग, आयकर विभाग, नारकोटिक्स ब्यूरो, सीमा शुल्क विभाग और फ्लाइंग स्क्वायड टीमों की संयुक्त कार्रवाई चल रही है।
इन एजेंसियों का उद्देश्य है कि किसी भी प्रकार के दबाव या प्रलोभन से मुक्त, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित किए जाएं।
वर्तमान में पूरे बिहार में 1,036 चेकपोस्ट सक्रिय हैं, जहां से निरंतर वाहनों, नकदी और सामान की जांच की जा रही है।
कानूनी कार्रवाई और गिरफ्तारी के आंकड़े
चुनाव अवधि के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अब तक—
• 3,13,136 जमानत बांड निष्पादित हुए हैं,
• 841 गिरफ्तारियाँ (NSA, PITNDPS और अन्य अधिनियमों के तहत) हुई हैं,
• 14,707 गैर-जमानती वारंट जारी किए गए हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) कार्यालय ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि वे निगरानी को और मजबूत करें और C-Vigil व ECINET प्लेटफ़ॉर्म पर मिलने वाली शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करें।
राजनीतिक सन्दर्भ और विपक्ष की प्रतिक्रिया
चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि इतनी बड़ी मात्रा में जब्ती चुनावी माहौल को साफ़-सुथरा रखने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
वहीं विपक्षी दलों ने सवाल उठाया है कि यह कार्रवाई केवल “चुनाव आयोग के दबाव में” नहीं होनी चाहिए, बल्कि सभी दलों के लिए समान रूप से की जानी चाहिए।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब की सबसे बड़ी जब्ती (₹27 करोड़ से अधिक) यह संकेत देती है कि प्रशासनिक निगरानी के साथ-साथ सप्लाई नेटवर्क पर भी कार्रवाई आवश्यक है।
आयोग का स्पष्ट संदेश
चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा —
“हमारा प्राथमिक उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर मतदाता बिना किसी भय या प्रलोभन के स्वतंत्र रूप से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके। सभी जिला प्रशासन और एजेंसियों को चौकसी बढ़ाने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं।”
बिहार चुनाव 2025 – पृष्ठभूमि
• बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे:
पहला चरण — 6 नवंबर 2025
दूसरा चरण — 11 नवंबर 2025
• मतगणना की तारीख: 14 नवंबर 2025।
• कुल सीटें: 243, जिनमें से करीब 65 सीटें संवेदनशील और 45 अति-संवेदनशील घोषित की गई हैं।
• मुख्य मुकाबला NDA (भाजपा-जदयू) बनाम महागठबंधन (राजद-कांग्रेस-वामदल-VIP) के बीच है।


