
By Rohtas Darshan Digital Desk | Updated: October 21, 2025 | Patna : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का सियासी पारा चढ़ चुका है। सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने अपने 143 उम्मीदवारों की फाइनल सूची जारी कर दी। इस सूची में तेजस्वी यादव ने जहां अपनी पारंपरिक सीट राघोपुर से मैदान संभाला है, वहीं भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव को छपरा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है। इस घोषणा के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज़ हो गई है।
राजद के इस लिस्ट में कई पुराने और नए चेहरे शामिल किए गए हैं। पार्टी ने इस बार अनुभव, युवा जोश, सामाजिक समीकरण और स्टार पावर का संतुलन साधने की कोशिश की है।
तेजस्वी और खेसारी पर टिकी निगाहें
तेजस्वी यादव ने राघोपुर से नामांकन दाखिल कर दिया है, जो यादव परिवार की पारंपरिक सीट मानी जाती है। वहीं, भोजपुरी सिनेमा के लोकप्रिय अभिनेता खेसारी लाल यादव का छपरा से मैदान में उतरना इस चुनाव को और दिलचस्प बना रहा है।
पहले इस सीट से खेसारी की पत्नी चंदा देवी को टिकट मिलने की चर्चा थी, लेकिन अब खेसारी खुद चुनाव लड़ेंगे।
बाहुबली परिवारों को भी दी गई जगह
राजद ने कई बाहुबली नेताओं के परिवारों को भी टिकट दिया है।
• मोकामा से वीणा देवी (सूरज भान सिंह की पत्नी)
• दानापुर से रीतलाल राय
• नवादा से कौशल यादव
इसके साथ ही कौशल यादव की पत्नी पूर्णिमा यादव को गोविंदपुर से टिकट मिला है, जबकि पिंकी भारती को रजौली से मैदान में उतारा गया है।
महागठबंधन में सीट बंटवारे पर सस्पेंस बरकरार
महागठबंधन में अब तक सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय नहीं हो पाया है। कांग्रेस और राजद के बीच कई सीटों पर मतभेद सामने आए हैं — जैसे वारसलीगंज, लालगंज और वैशाली।
कांग्रेस ने जहां बेगूसराय के बछवाड़ा में अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी, वहीं CPI और CPI(ML) ने भी कई विवादित सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि तेजस्वी यादव इस बार “नई पीढ़ी की राजनीति” की ओर बढ़ रहे हैं — जहां वे पारंपरिक नेताओं के साथ युवा, ग्लैमर और जमीनी चेहरों को बराबर महत्व दे रहे हैं।
चुनाव कार्यक्रम
• पहला चरण मतदान: 6 नवंबर 2025
• दूसरा चरण मतदान: 11 नवंबर 2025
• मतगणना: 14 नवंबर 2025
मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन (RJD, कांग्रेस, CPI, CPM, CPI-ML) के बीच माना जा रहा है।
राजनीतिक हलचल
इस सूची के जारी होते ही बिहार की राजनीति में नए समीकरण बनते दिख रहे हैं। राजद के इस फैसले से साफ़ है कि पार्टी इस बार लोकप्रियता, सोशल कनेक्शन और जातीय संतुलन पर फोकस कर रही है।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि खेसारी लाल यादव जैसे चेहरे का मैदान में उतरना चुनावी माहौल को स्टार पावर बनाम जमीनी मुद्दों के बीच दिलचस्प बना देगा।







