
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 12 अक्टूबर 2024 :मुंबई। एनसीपी के अजित पवार गुट के नेता और महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की बांद्रा के खेर वाड़ी सिग्नल के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। सिद्दीकी पर उनके बेटे के दफ्तर के बाहर 2 से 3 गोलियां चलाई गईं, जिसके बाद उन्हें तुरंत लीलावती अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उन्होंने दम तोड़ दिया। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है, हालांकि हमलावरों के बारे में अभी कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
कब हुई घटना?
यह घटना शनिवार को उस समय हुई जब बाबा सिद्दीकी अपने बेटे के दफ्तर के बाहर थे। तीन अज्ञात हमलावरों ने उन पर कई राउंड फायरिंग की और फरार हो गए। सिद्दीकी को गंभीर हालत में लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
कांग्रेस से नाता तोड़कर NCP में शामिल हुए थे बाबा सिद्दीकीः
बाबा सिद्दीकी ने इसी साल 8 फरवरी को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर 10 फरवरी को अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी जॉइन की थी। इस दौरान, मुंबई में डिप्टी सीएम अजित पवार और एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल समेत कई अन्य नेताओं की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ली थी।
कांग्रेस पर साधा था निशानाः
एनसीपी में शामिल होने के बाद बाबा सिद्दीकी ने कांग्रेस पर कड़ा प्रहार किया था। उन्होंने कहा था, कांग्रेस में मुझे करी पत्ते की तरह इस्तेमाल किया गया, जिसका काम केवल स्वाद बढ़ाना होता है। जब आपकी बात नहीं सुनी जाती, तो आप किनारा कर ही लेते हैं। मैं 48 साल तक कांग्रेस से जुड़ा रहा, लेकिन अब चिड़िया खेत चुग गई है। उन्होंने अपने कांग्रेस छोड़ने पर कहा था कि मैं मोटी चमड़ी का नहीं हूं, इसलिए पार्टी छोड़ते वक्त मुझे दुख हुआ। रोज-रोज रोने से बेहतर है कि आप दूरी बना लें। कांग्रेस को सिर्फ वोट चाहिए, उन्हें कुछ देना नहीं है।
सियासी हलचल और राजनीतिक तनावः
बाबा सिद्दीकी की हत्या ने मुंबई की राजनीति में एक बड़ा भूचाल ला दिया है। उनकी हत्या के पीछे के कारणों पर चर्चा हो रही है, और राजनीतिक दलों के भीतर तनाव बढ़ता जा रहा है।
