यह सेना के स्थायी जवानों को मिलनेवाली सहायता में अंतर है।

आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 23 अक्टूबर 2023 : सियाचिन : सियाचिन में ड्यूटी के दौरान शहीद पहला अग्निवीर जवान गावते अक्षय लक्ष्मण के परिजनों को 1.13 करोड रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी। यह सेना के स्थायी जवानों को मिलनेवाली सहायता में अंतर है। अतिरिक्त सार्वजनिक सूचना महानिदेशालय (एडीजी पीआई), रक्षा मंत्रालय (सेना) के आईएचक्यू ने रविवार को अपने एक्स हैंडल से पोस्ट किया, अग्निवीर (ऑपरेटर) गावते अक्षय लक्ष्मण ने अपने प्राणों की आहुति दी। भारतीयसेना दुःख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ दृढ़ है। सेना में चार साल की सेवा के शुरु हुई अग्निवीर नियुक्ति योजना को लेकर विरोध हुआ था। अब सेवारत अग्निवीर की शहादत पर परिजनों की आर्थिक सहायता की चर्चा शुरु हो गयी।

राहुल गांधी ने अग्निवीर गवाते की मृत्यु पर दुख जताया और अग्निपथ योजना को भारत के वीरों के अपमान की योजना करार दिया. उन्होंने कहा कि इसमें न तो सेवा के समय ग्रेच्युटी है, न अन्य सुविधाएं और न ही परिवार के लिए पेंशन है।
हाल में एक अग्निवीर की आत्महत्या की खबर आई थी।अग्निवीरों की नियुक्ति की शर्तों के अनुसार युद्ध में जान गंवाने पर गैर-अंशदायी बीमा राशि 48 लाख रुपये होते हैं। सेवा निधि में अग्निवीर (30%) का योगदान, सरकार द्वारा समान योगदान और उस पर ब्याज के साथ प्रदान किया जाएगा। अग्निवीर और सेना के परमानेंट सैनिकों की शहादत पर परिवार को मिलने वाले मुआवजे में क्या अंतर है-
अग्निवीर की मत्यु होने पर परिवार को फाइनेंशियल हेल्प परिजनों को अंशदायी बीमा के रूप में 48 लाख रुपये मिलेंगे। अग्निवीर के परिवार को 44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि भी मिलेगी। अग्निवीर के परिजनों को अग्निवीर द्वारा योगदान की गई सेवा निधि (30 प्रतिशत) से एक राशि भी मिलेगी, जिसमें सरकार द्वारा समान योगदान और उस पर ब्याज भी शामिल होगा। साथ ही अग्निवीर की मृत्यु की तारीख से चार साल पूरे होने तक परिजनों को शेष कार्यकाल का भी पैसा मिलेगा। यह राशि 13 लाख से अधिक होगी। सशस्त्र बल युद्ध हताहत कोष से अग्निवीर के परिजनों को 8 लाख रुपये का योगदान दिया जाएगा। आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (AWWA) की ओर से तत्काल 30 हजार रुपये की आर्थिक सहायता। कुल मिलाकर यह धनराशि 1 करोड़, 13 लाख से अधिक है।

सेना का जवान शहीद होने पर परिवार को फाइनेंशियल हेल्प सेना का परमानेंट सैनिक के शहीद होने पर परिवार को आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस के तौर पर 25-45 लाख रुपये मिलते हैं। आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन, सैनिक कल्याण बोर्ड समेत कई संगठन परिवार की वित्तीय मदद करते हैं। शहीद जवानों की पत्नियों के हर महीने पेंशन मिलती है। केंद्र सरकार की ओर से 10 लाख रुपये और शहीद की राज्य सरकार भी वित्तीय मदद मदद देती है। राज्यों की ओर से मदद के तौर पर दी जाने वाली धनराशि अलग-अलग हैं। आर्मी सेंट्रल वेलफेयर फंड से 8 लाख रुपये मिलते हैं। शहीदों के परिवार के बच्चों को पढ़ाई और इलाज के खर्च में छूट देती है। शहीद सैनिकों के बच्चों को पूरी ट्यूशन फीस मिलती है। साथ में स्कूल बस का खर्च और रेलवे पास भी मिलता है। बोर्डिंग स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों की हॉस्टल फीस दी जाती है। हर साल कॉपी-किताब के लिए 2000 रुपये, यूनिफॉर्म के लिए 2000 रुपये तक और कपड़ों के लिए 700 रुपये तक दिए जाते हैं। ईसीएचएस में फ्री इलाज भी मिलता है।
मिलता है पेट्रोल पंप
शहीदों की पत्नियों या आश्रितों के लिए पुनर्वास महानिदेशालय (डीजीआर) द्वारा पेट्रोल पंप का आवंटन जैसी कई पुनर्वास योजनाएं भी चलाई जाती हैं। शहीद के परिवारों को एलपीजी गैस एजेंसी लेने में भी छूट मिलती है।
