यूपी में लोकसभा को मैनपुरी और विधानसभा की रिमपुर सीट के लिए भी 5 दिसम्बर को मतदान और 8 दिसम्बर को मतगणना होगी मुलायम सिंह यादव के निधन से मैनपुरी सीट खाली हुई है।आजम खां को हेट स्पीच में तीन साल की सजा होने से विधायकी समाप्त हुई हो। उड़ीसा में पदमपुर,राजस्थान में सरदारशहर और छत्तीसगढ में भानुप्रतापपुर विधानसभा सीटों कलीए भी साथ में उपचुनाव होगा

आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 05 नवम्बर 2022 : पटना। भारतीय निर्वाचन आयोग ने बिहार के कुढ़नी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के तारीख की घोषणा कर दी । 5 दिसंबर को वोटिंग होगी तो वहीं 8 दिसंबर को काउंटिग। भारतीय निर्वाचन आयोग ने इससे जुड़ा नोटिफिकेशन भी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। बता दें कि कुढ़नी से आरजेडी विधायक अनिल सहनी राज्यसभा में जयू के सदस्य रहते एलटीसी घोटाले में दोषी पाए गए थे। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दोषी करार दिया था। इस केस में उन्हें 3 साल की सजा सुनाई गई है, जिसके बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई। अनिल सहनी की सदस्यता जाने के बाद ये सीट खाली हुई है।

ईवीएम और वीवीपैट से मतदान

चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। उपचुनाव में ईवीएम और वीवीपैट का उपयोग किया जाएगा। 5जनवरी 2022 को घोषित मतदाता सूची के आधार पर लोग वोट कर पाएंगे।मतदाता पहचान पत्र के अलावा 12 अन्य वैकल्पिक पहचान पत्रों की मदद से मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर पाएंगे।

विधानसभा सदस्यता रद्द होने के कारण उपचुनाव

कुढ़नी विधायक अनिल सहनी की विधानसभा सदस्यता खत्म हो जाने के कारण यहां उपचुनाव कराया जा रहा है। अनिल सहनी पर आरोप है कि राज्यसभा सांसद रहते हुए उन्होंने बिना कोई यात्र किए जाली ई-टिकट और फर्जी बोर्डिंग पास के जरिए 23 लाख 71 हजार रुपये की धोखाधड़ी की थी। सीबीआई ने इस मामले में मनी लाउंड्रिंग एक्ट, धोखाधड़ी, सरकारी पद के दुरुपयोग की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। एलटीसी घोटाले के मामले में 31 अक्टूबर 2013 में सीबीआई ने केस दर्ज किया था, जिस पर सुनवाई के बाद 29अगस्त को कोर्ट ने अनिल सहनी समेत तीन लोगों को एलटीसी घोटाले में दोषी करार दिया था और तीन साल कैद की सजा भी सुनाई थी, जिसके बाद 13 अक्टूबर को उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म करने का आदेश चुनाव आयोग की ओर से जारी किया गया था। एक दिन पहले ही अनिल सहनी ने सदस्यता फिर से बहाल होने की संभावना जाहिर की थी। दिल्ली कोर्ट के फैसले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। जिसके बाद उन्होंने स्पीकार से मिलकर आग्रह किया था कि वे इस आदेश से आयोग को अवगत कराएं।

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