आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 26 अक्टूबर 2022 : मुंबई । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा भारतीय मुद्रा नोटों पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की तस्वीरें शामिल करने के लिए उठाए गए ‘अपवित्र’ विवाद के बीच, भारतीय रिजर्व बैंक (आईबीआई) और केंद्र ने पहले ही 2010 में इस मुद्दे पर चर्चा करके ‘ढक्कन’ लगा दिया था। भारतीय मुद्रा नोट (आईसीएन) पर इस आशय का एक आरटीआई जवाब आर्थिक मामलों के विभाग की अतिरिक्त सचिव मनीषा सिन्हा ने 2019 में पुणे के एक व्यवसायी प्रफुल्ल सारदा को भेजा था। सरकार ने कहा कि आरबीआई द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय पैनल (अक्टूबर 2010) ने आईसीएन डिजाइन पर अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों, भारत रत्नों, नोबेल पुरस्कार विजेताओं, स्वतंत्रता सेनानियों या खिलाड़ियों को शामिल करने की आवश्यकता पर विस्तार से विचार किया था।

तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सलाह पर गठित उच्च स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी ने महसूस किया कि महात्मा गांधी से बेहतर कोई अन्य व्यक्तित्व भारत के लोकाचार का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता। नॉर्थ ब्लॉक से भेजे गए 11 नवंबर, 2019 के आरटीआई के जवाब में बताया कि, इसलिए बैंक नोटों के आगे और वॉटरमार्क पर महात्मा गांधी का चित्र बनाए रखने का निर्णय लिया गया। सरकार ने सिफारिश को मंजूरी दी है।

सारदा ने कहा- मैंने पीएमओ से आईसीएन पर डॉ बीआर अंबेडकर या सरदार पटेल की तस्वीरें छापने पर विचार करने के लिए कहा था, जिसके बाद सरकार ने जवाब दिया और मामला शांत हो गया। यह साबित करता है कि दिल्ली के सीएम ने अपनी नवीनतम मांग के पीछे केवल राजनीतिक उद्देश्यों को निहित किया है। उन्होंने कहा कि आईसीएन पर अन्य व्यक्तित्वों की तस्वीरें जोड़ने की विभिन्न मांगों के मद्देनजर पीएमओ को याचिका दी गई थी।

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