सासाराम। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में मंगलवार को जिले में किसानों के भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला। किसान संगठन ने दिन में 11 बजे से भारत बंद की घोषणा की थी लेकिन किसानों से पहले शहर की सड़कों पर राजनीतिक दल सक्रिय हो गए। पूरे भारत बंद के दौरान कहीं भी सड़कों पर किसान नजर नहीं आए उनकी जगह सिर्फ राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता हीं भारत बंद को सफल बनाने में लगे रहे। इस दौरान शहर के पोस्ट ऑफिस चौराहे के समीप कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल सहित अन्य विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम कर अपना विरोध प्रदर्शन किया तथा केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस, राजद एवं अन्य सहयोगी दलों ने किसानों की मांग पूरी करने और कृषि कानून 2020 में संशोधन करने की मांग रखी तथा बयान में कहा कि हम किसान संगठनों के मौजूदा संघर्ष और उनके भारत बंद के ऐलान का पूरा समर्थन करते हैं। हांलांकि बंदी को जिले के व्यापारिक संगठनों एवं किसानों का समर्थन न मिलने के कारण सुबह से ही बाजार खुले दिखे। जिससे जिले में भारत बंद का असर फीका रहा। उधर बंद के आह्वान को देखते हुए जिले की पुलिस व्यवस्था भी काफी मुस्तैद दिखी। शहर के सभी मुख्य चौक चौराहों पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। वहीं बंद के मद्देनजर सभी रेलवे स्टेशनों पर भी सुरक्षा व्यवस्था चौकस रही तथा रेलवे सुरक्षा बलों के जवान स्टेशन परिसर में फ्लैग मार्च करते रहे। बंद के दौरान शहर सहित पूरे जिले में स्थिति सामान्य रही। भारत बंद के दौरान मौके पर कांग्रेस विधायक संतोष कुमार मिश्रा, आरजेडी विधायक अनिता चौधरी, कांग्रेस विधायक मुरारी गौतम, राजद विधायक राजेश कुमार गुप्ता, कांग्रेस नेता मनीष चौबे सहित काफी संख्या में महागठबंधन के कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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