महंथ ब्रजेश मुनि बोले प्रशासन की मदद नहीं मिल रही न्यास पर्षद को –
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 28 सितम्बर 2022 : पटना : आचार्य गद्दी कबीरपंथी मठ फतुहां की न्यास समिति में परस्पर विरोध का मामला बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड पहुँचा है। मामला न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष अरुण कुमार द्वारा स्वयं को अवकाश प्राप्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश बताकर न्यास का मुख्य अधिकारी जैसा व्यवहार करने से संबंधित है। न्यास समिति की अधिसूचना में संरक्षक महंथ ब्रजेश मुनि को न्यास पर्षद द्वारा प्रदत्त अधिकार को नहीं माना और मनमानी निर्णय लेने लगे। जिस परमानन्द दास का फतुहा कबीर मठ से कोई संबंध नहीं है, जो गठित न्यास समिति का सदस्य भी नहीं हैं, जो पूर्व महंथ की हत्या के आरोपीरहे है, जिसे न्यास पर्षद द्वारा प्रशासन की मदद से मठ से निकाला गया था उसे फिर से अतिक्रमण कर मठ पर काबिज करवा दिया गया है। इससे पहले मठ के हिलसा स्थित इंटर कालेज का का अध्यक्ष घोषित कर दिया।
न्यास समिति को दरकिनार करते हुए अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष और थानाध्यक्ष का लेटरपैड बनाकर पत्राचार भी आरम्भ कर दिया। कार्यकारी अध्यक्ष अरुण कुमार की इस कथित मनमानी की लिखित शिकायत ब्रजेश मुनि द्वारा न्यास पर्षद के अध्यक्ष को दी गई है । ब्रजेश मुनि ने कहा है कि अरुण कुमार कभी भी जिला एवं सत्र न्यायाधीश नहीं रहे हैं। मठ की न्यास समिति के सदस्य विवेक मुनि ने लेटरपैड प्रस्तुत करते हुए कहा है कि न्यास समिति ११सदस्यों की बनायी गयी है तो इस लेटरपैड का औचित्य क्या है? इस पर त्वरित संज्ञान लेते हुए पर्षद अध्यक्ष ने अरुण कुमार को स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। ब्रजेश मुनि ने बताया कि प्रशासन न्यास पर्षद के आदेश निर्देश का पालन करने में शिथिल है। इसलिए न्यास पर्षद द्वारा मठ को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए वरीय आरक्षी अधीक्षक के पत्र के आलोक में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है।