नोखा। नोखा नगर पंचायत में चलाई जा रही हर घर नल का जल योजना पूर्ण होने से पहले ही दम तोड़ रही है। कार्य शुरू हुए तीन वर्षों के बाद भी नगर पंचायत में योजना को पूरा नहीं किया जा सका है। जिन वार्डों में कार्य पूर्ण हो भी गए हैं तो उनमें से एक-दो को छोड़कर कहीं भी लोगों को नल का जल नहीं मिल पा रहा है।नगर पंचायत में पानी के लिए पानी की तरह पैसा बहाने के बावजूद लाभुकों को नल जल योजना का लाभ मिलता नहीं दिख रहा है। भले ही नगर प्रशासन जिला को इस योजना के तहत कार्य पूर्ण होने की कागजी खानापूरी कर अधिकांश वार्डों में कार्य पूर्ण होने की जानकारी दी हो। लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां करती है। इस योजना में नियमों की ताक पर रखकर सरकारी मापदंड की उपेक्षा कर कार्य की जानी आम बात है। योजना की प्रशासनिक स्वीकृति से लेकर बोरिंग गाड़ने ,सामान बिक्री करने, एमबी बुक तैयार करने तक कमीशन का खेल बदस्तूर जारी है। इसका परिणाम है कि इसका असर योजना की गुणवत्ता पर पड़ती दिख रही है। कई वार्ड पार्षदों से योजना की चर्चा करने पर इनसे मिली जानकारी के अनुसार आवंटित राशि में 30 से 40 फीसदी कमीशन की भेंट चढ़ जाती है।विकास योजनाओं में पदाधिकारी, कर्मियों व वार्डों के बीच कमीशन का खेल बदस्तूर जारी है, जिसका परिणाम है कि नगर पंचायत में यह योजना दम तोड़ रही है। नगर पंचायत के वार्ड संख्या 07 भलुआहीं में डेढ़ साल से योजना के तहत किए जा रहे कार्य पूर्ण नहीं हुए हैं। यहाँ सरकारी मानक को ताक पर रखकर तीन फुट की जगह एक से डेढ़ फुट गड्ढ़ा खोद कर पाइप लाइन बिछा दिया गया है। जलमीनार के लिए बना टावर भी आधा अधूरा है। जय प्रकाश रामाकांत ने बताया कि इस योजना के शुरू होने पर लोगों में खुशी का माहौल था कि अब लोगों को स्वच्छ जल घर तक पहुंचेगी। नपं जेई अंकुर गगन ने बताया कि दिसम्बर में वार्डों में कार्य पूर्ण होने की संभावना है।
