आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 08 जुलाई 2022 : पटना : पूर्व केंद्रीय मंत्री और जदयू के पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह के लिए अब पार्टी में बने रहना कठिन होता दिख रहा है। पार्टी में कई नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।आरसीपी के पास अब न पद रहा, न जदयू में प्रतिष्ठा और न दल के अंदर रूतबा । आज पार्टी में उन्हें आईना दिखाया जा रहा और हैसियत बतायी जा रही है । अध्यक्ष रहते पार्टी का बेड़ा गर्क करने और पद देने के बदले पैसा लेने तक का आरोप सोशल मीडिया में सुर्खी बटोर रही है।
दिल्ली से पटना पहुंचने के बाद आरसीपी सिंह ने कहा था कि मैं अपनी परिश्रम और मेहनत से यहां तक पहुंचा हूं। पीएम की कृपा से केन्द्रीय मंत्री बना था। बीजेपी के समर्थन से कई बार से सीएम बने हैं और मेरी नजदीकी पर सवाल हो रहा है?
इधर भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि कार्यकर्ता के रूप में उनकी क्या उपलब्धि है बताएं। आरसीपी सिंह का राजनीति में क्या परिश्रम है? कौन सी पार्टी में उन्होंने कार्यकर्ता के रूप में अपनी भूमिका अदा की है? पार्टी में ऐसा कौन है जिसके कार्यक्रम में दस हजार लोग जुट जाएंगे।ऐसे सिर्फ एक ही नेता नीतीश कुमार हैं। कोई कहे कि हमने अपनी मेहनत से किया है किसी का कोई योगदान नहीं है, ऐसा बयान हास्यास्पद है।
भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने तो यहां तक कह डाला कि किस पार्टी में कार्यकर्ता थे आरसीपी सिंह? उन्हें नीतीश कुमार की कृपा से पद और प्रतिष्ठा मिली थी।दो बार राज्यसभा गए। उनका राजनीति में कोई परिश्रम नहीं है। पार्टी के दो प्रवक्ताओं ने भी आरसीपी के खिलाफ हमला बोला है।
आरसीपी की ओर से भी जवाबी हमला बोल हो रहा है।
आरसीपी से सीएम नीतीश कुमार की नाराजगी और पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा के विरोधी रूख के बीच पार्टी में ज्यादा समय तक आरसीपी के रहने पर सवालिया निशान लग गया है।