2017 में निगरानी ब्यूरो की टीम ने बड़हरा बीडीओ जयवर्धन गुप्ता को मोकामा में किराये के मकान से पूर्व मुखिया दिनेश गोप से एक लाख रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. तब वे घोसवरी प्रखंड के बीडीओ हुआ करते थे.

आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 11 मई 2022 : पटना।  बीपीएससी की  67वीं पीटी प्रश्न पत्र लीक मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई   (EOU) ने  मंगलवार को भोजपुर जिले के बरहरा के प्रखंड विकास पदाधिकारी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अन्य तीनों लोग आरा के वीर कुंवर सिंह कॉलेज  से जुड़े हुए हैं। आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान ने चारों की गिरफ्तारी की जानकारी दी है। ईओयू के द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक 67वीं बीपीएससी संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्न पत्र वायरल होने के संबंध में आर्थिक अपराध थाना कांड संख्या-20 /2022, दिनांक 09.05.2022, धारा-420/467/468/ 120(बी) भादवि, 66 आईटी एक्ट एवं धारा-3/10 बिहार परीक्षा नियंत्रण अधिनियम-1981 दर्ज किया गया है।आर्थिक अपराध इकाई के विशेष अनुसंधान दल द्वारा  चार लोगों को गिरफ्तार किया है । 2017 में निगरानी ब्यूरो की टीम ने बड़हरा बीडीओ जयवर्धन गुप्ता को मोकामा में किराये के मकान से पूर्व मुखिया दिनेश गोप से एक लाख रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. तब वे घोसवरी प्रखंड के बीडीओ हुआ करते थे.


 एसआईटी ने बड़हरा बीडीओ जयवर्धन गुप्ता, जो परीक्षा केंद्र पर स्टेटिक दंडाधिकारी के रूप में तैनात थे.इसके साथ ही कुंवर सिंह कॉलेज के प्रधानाचार्य सह केंद्राधीक्षक योगेंद्र प्रसाद सिंह, परीक्षा नियंत्रक सुशील कुमार सिंह तथा सहायक केंद्राधीक्षक अगम सहाय को भी एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया है.


प्रथम दृष्टया अनुसंधान और परिस्थितियों के आधार पर हुई गिरफ्तारीएडीजी नैयर हसनैन खान ने बताया कि अभी इस मामले का अनुसंधान चल रहा है। उन्होंने कहा कि यह करवाई प्रथम दृष्टया पार्क और परिस्थितियों के आधार पर की गई है।प्रश्नपत्र लीक की अफवाह के बीच रविवार को हुई बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा पांच घंटे बाद ही रद्द कर दी गयी. प्रश्नपत्र लीक होने की जांच के लिए आयोग द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आयोग के अध्यक्ष आरके महाजन ने यह निर्णय लिया. साथ ही आयोग ने प्रश्नपत्र लीक होने की जांच कराने के लिए डीजीपी से अनुरोध किया. आयोग के अनुरोध के बाद डीजीपी ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) को सौंप दी.


बीपीएससी की 67वीं पीटी के लिए सभी जिलों में 1083 परीक्षा केंद्र बनाये गये थे. पटना में 83 परीक्षा केंद्र थे. 802 पदों के लिए पहली बार रिकाॅर्ड छह लाख से अधिक आवेदन परीक्षा के लिए आये थे. आयोग के संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि इस परीक्षा के लिए 6,02,221 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था. सभी परीक्षा केंद्रों पर जिला प्रशासन की ओर से धारा 144 लागू की गयी थी. परीक्षा के लिए सभी जिलों के डीएम को सह परीक्षा संयोजक बनाया गया था.

https://youtu.be/dtGfLMsY2Ww

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