- निजी विद्यालयों को पुनः संचालित करने हेतु देर क्यों ?
- बच्चो के भविष्य के साथ खेलवाड़ क्यों ?
- क्या शिक्षकों को रोजगार हेतु पलायन कराने का है उद्देश्य ?
- निजी विद्यालयों के परिसर में बिहार बोर्ड का परीक्षा आयोजित करने से कोरोना नहीं होगा और कक्षा का सञ्चालन से कोरोना हो जायेगा ?
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 28 जनवरी 2022 : सासाराम : बिहार राज्य सरकार के निजी विद्यालयों के तरफ उदासीन रवैय्ये पर सवालिया निशान लगाते हुए प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के
राष्ट्रीय संयुक्त सचिव डॉ एस० पी० वर्मा ने कहा की राज्य सरकार की आखिर मंशा क्या है ? क्यों बच्चो के भविष्य के साथ खेलवाड़ किया जा रहा है ? बिहार बोर्ड के द्वारा सभी सरकारी विद्यालयों में प्रैक्टिकल परीक्षाएं भौतिक तौर पर करवाई गयी है और तत्पश्चात सभी निजी विद्यालयों में बिहार बोर्ड का परीक्षा केंद्र ज़बरन कोरोना गाइडलाइन के सभी मनको को ताख पर रख कर करवाई जा रही है जिसके लिए किसी भी निजी विद्यालयों को फूटी कौड़ी भी नहीं दी जा रही है। कोरोना महामारी के आड़ में लूट खसोट का साजिश धरातल पर शिक्षा विभाग के द्वारा उतारा जा रहा है और सभी निजी विद्यालय संचालको को ज़बरन विवश कर के उनका विद्यालय में परीक्षा केंद्र बनाया जा रहा है।


राष्ट्रीय संयुक्त सचिव डॉ एस० पी० वर्मा ने कहा की सबसे बड़ा सवाल ये उठता है की जब बिहार बोर्ड की परीक्षा निजी विद्यालयों में कराई जाएगी तब बच्चों को कोरोना नहीं होगा और जब इन्ही निजी विद्यालयों में जब कक्षाओं का सञ्चालन होगा तो बच्चों को कोरोना हो जायेगा ? WHO ने साफ़ तौर से स्पष्ट कर दिया है कोरोना को ले कर विद्यालयों को बंद रखने का कोई औचित्य ही नहीं है और जब महाराष्ट्र जैसे राज्य जहाँ ओमीक्रॉन का संक्रमण सबसे ज़्यादा है वहाँ जब राज्य सरकार के द्वारा विद्यालय खुल चुके है तब बिहार में विद्यालय क्यों नहीं खुल रहे है ?
राष्ट्रीय संयुक्त सचिव डॉ एस० पी० वर्मा ने कहा की सिनेमा हॉल , यातायात , सभी दुकाने तथा सभी कार्यालय पूर्णतः संचालित है परन्तु विद्यालयों को पुनः संचालित करने पर सरकार के द्वारा पाबन्दी नहीं हटाई गयी है | यह बताना भी उचित है की इन्ही निजी विद्यालयों में सरकार कोरोना काल से ले कर आज तक लगातार परीक्षाओ का आयोजन करवा रही है और उन परीक्षाओ के आयोजन हेतु परीक्षार्थियों से पंजीकरण के नाम पर मोटी रकम भी वसूल रही है परन्तु किसी भी निजी विद्यालयों को एक फूटी कौड़ी भी नहीं दी जा रही है और मुफ्त में सभी निजी विद्यालयों के भवनों को इन परीक्षाओ को संचालित करवाने हेतु इस्तेमाल किया जा रहा है | एसोसिएशन राज्य सरकार से पूछना चाहता है की क्या कोरोना महामारी सिर्फ निजी विद्यालयों के सञ्चालन के लिए ही है और आपके कार्यो के लिए क्या कोरोना नहीं है ?
राष्ट्रीय संयुक्त सचिव डॉ एस० पी० वर्मा ने कहा की राज्य सरकार के इस उदासीन रैवाईये को देखते हुए अब निजी विद्यालयों के संचालक , शिक्षक , शिक्षिकाएं एवं कर्मचारीगण राज्य व्यापी आंदोलन करने के लिए बाध्य हो गए है | यदि 06 फरवरी 2022 के पहले विद्यालयों को संचालित करने हेतु आदेश पारित नहीं किया गया तो सभी 38 जिला के निजी विद्यालय संचालक, शिक्षक , शिक्षिकाएं एवं कर्मचारी विशाल आंदोलन करने पटना आ जायेंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार एवं शिक्षा विभाग की होगी | क्या सरकार किसान आंदोलन की तरह शिक्षा आंदोलन के लिए शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं को बाध्य करना चाहती है ?


प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के सात सूत्री मांगे निम्नलिखित है :
- निजी विद्यालयों को संचालित करने का आदेश 06 फरवरी 2022 के पहले अविलम्ब पारित किया जाये |
- राज्य सरकार निजी विद्यालयों का सभी टैक्स की राशि को माफ़ करने हेतु उचित दिशानिर्देश पारित करें। बिजली का बिल , ट्रांसपोर्ट में लगने वाले विभिन्न प्रकार के टैक्स को माफ किया जाए एवं बैंक के ईएमआई पर लगने वाले ब्याज को नहीं लिया जाए।
- बिहार बोर्ड एवं बिहार सरकार के दिशानिर्देश से निजी विद्यालयों के भवनों में संचालित होने वाली परीक्षाएं में भवनों का इस्तेमाल वर्षो से निःशुल्क किया जा रहा है जो न्यायसंगत नहीं है | यदि बिहार बोर्ड अपना बोर्ड परीक्षा एवं बिहार सरकार विभिन्न परीक्षाएं निजी विद्यालयों में संचालित करना चाहती है तो उन्हें भवन इस्तेमाल करने का शुल्क देना पड़ेगा जो संघठन के द्वारा तय किया जाएगा अन्यथा निजी विद्यालय संचालक अपना भवन परीक्षा सञ्चालन हेतु बिहार बोर्ड एवं बिहार सरकार को नहीं देंगे |
- जल्द से जल्द शिक्षा के अधिकार की राशि सभी निजी विद्यालयों को निर्गत करने हेतु उचित दिशानिर्देश बिहार राज्य के शिक्षा विभाग को देने की कृपा करें।
- सभी निजी विद्यालयों के भवनों का किराया माफ़ करने हेतु उचित दिशानिर्देश जारी करने की कृपा करे।
- निजी विद्यालयों को पुनर्स्थापना हेतु उचित पैकेज की घोषणा की जाये ताकि लाखों शिक्षक , शिक्षिकाओं एवं कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में जाने से बच सके साथ ही विद्यार्थियों को भी शिक्षा का लाभ निरंतर मिल सके।
- सरकारी स्कूलों में प्रति बच्चा प्रतिमाह खर्च के आधार पर प्रत्येक प्राइवेट स्कूलों को उसके बच्चों की संख्या अनुसार विद्यालय अकाउंट में एक वर्ष का विशेष आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान बनाकर अतिशीघ्र सहायता राशि सभी निजी विद्यालयों को उपलब्ध कराने का कष्ट करें |
इस प्रेस वार्ता में रोहतास जिला अध्यक्ष रोहित वर्मा, जिला उपाध्यक्ष सुभाष कुमार कुशवाहा, ज़िला सचिव समरेंद्र कुमार (समीर जी), जिला सह सचिव संग्राम कांत, जिला महामंत्री अनिल कुमार शर्मा , सुनील कुमार, संजय त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष कुमार विकास प्रकाश, जिला संयोजक धनेन्द्र कुमार, ज़िला जनसम्पर्क पदाधिकारी दुर्गेश पटेल , डिहरी प्रखंड अध्यक्ष अरविंद भारती, सचिव प्रशांत सिंह, कोषाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद , चेनारी प्रखंड अध्यक्ष दिनेश्वर तिवारी, नस्रिगंज प्रखंड अध्यक्ष अजय कुमार सिंह, प्रखंड उपाध्यक्ष सोनू आनंद, प्रखंड सचिव सतनारायण प्रसाद, प्रखंड संयुक्त सचिव सैयद अबरार आलम, प्रखंड संयुक्त सचिव कपिल मुनि प्रसाद, प्रखंड पी आर ओ सरमद नसरुल्ला, प्रखंड संरक्षक निलेश कुमार, प्रखंड महामंत्री लक्ष्मण सिंह क़ाराकाट प्रखंड अध्यक्ष सुनील कुमार, प्रखंड उपाध्यक्ष करुणेश कुमार शांडिल्य, प्रखंड सचिव आदित्य राज, कोषाध्यक्ष बबन कुमार, प्रखंड पीआरओ अविनाश सिंह, प्रखंड संरक्षक अरुण कुमार, विक्रमगंज प्रखंड अध्यक्ष अनिता देवी, संरक्षक भारती जी , उपाध्यक्ष कमलेश कुमार , राजपुर प्रखंड अध्यक्ष यमुना चौधरी, सासाराम प्रखंड अध्यक्ष तेजनारायण पटेल , उपाध्यक्ष धनंजय सिंह, कोषाध्यक्ष तौकीर आलम, कोचस सचिव धनंजय कुमार, कोषाध्यक्ष रविन्द्र कुमार, करगहर प्रखंड अध्यक्ष अजित कुमार पटेल, उपाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार , सचिव ब्रजेश पांडेय , कोषाध्यक्ष अरविंद कुमार , संझौली प्रखंड अध्यक्ष श्याम सुंदर सिंह , उपाध्यक्ष सोनू कुमार पांडेय, सूर्यपुरा प्रखंड अध्यक्ष शिव यश पाल, दावथ प्रखंड अध्यक्ष विश्वजीत कुमार, शिवसागर प्रखंड अध्यक्ष चंदन कुमार राय ,तिलौथु प्रखंड अध्यक्ष मनोज सिंह , अकोढ़िगोला प्रखंड अध्यक्ष अशोक पाल, उपाध्यक्ष राजीव रंजन कुमार , सचिव बिनायक सिंह, डॉ आशुतोष पांडेय , नोखा प्रखंड अध्यक्ष राहुल रंजन उपस्थित थे ।
