आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 24 दिसंबर 2021 : पटना। बिहार में 8067 पंचायतों का चुनाव पूरा होने के साथ सहित त्रिस्तरीय पंचायत निकायों के गठन हेतु उप मुखिया,प्रमुख, उपप्रमुख प्रमुख और जिला परिषदों के चुनाव की सरगर्मी परवान पर है। राज्य-भर से मिल रही जानकारी के अनुसार विशेष रूप से प्रमुख और जिला परिषद अध्यक्ष के चुनाव में मंत्री,विधायक, सासंद सहित विभिन्न दलों के नेता भी सक्रिय है। वोटरों को लुभाने की हरसंभव कोशिश और खेल हो रहा है। वोट की बोली लग रही है। इस बार के चुनाव में 90 % नये चेहरा जीत कर आये हैं।
नये वर्ष मे बिहार विधान परिषद की स्थानीय निकाय क्षेत्र के 24 पार्षदों के चुनाव होने हैं । इस चुनाव में पंचायतीराज और शहरी निकायों के निर्वाचित सदस्य को मताधिकार मिला है। पंच-सरपंच को इस चुनाव में मताधिकार नहीं है। राज्य के पंचायतीराज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि पंच-सरपंच को भी इस चुनाव में मताधिकार मिले। इस संबंध में संबंधित कानून में केंद्र सरकार को नया प्रावधान करना होगा ।केंद्रीय कानून मंत्रालय इसके लिए काम कर रहा है।इसमें छह माह लग सकता है।इसके पहले भी परिषद का चुनाव हो सकता है। उधर पंचायतीराज विभाग पंचायत निकायों का कामकाज और पारदर्शी बनाने का उपाय करेगा।12 हजार करोड़ रुपए पंचायत निकायों के माध्यम से खर्च होने हैं ।चेक काटने का मुखिया का अधिकार पहले ही समाप्त हो गया है। 26 हजार करोड़ रुपए हुए खर्च का आडिट अपेक्षित है। पंचायतीराज विभाग में अलग इंजीनियरिंग विभाग बनाने की तैयारी है। आडिट की भी व्यवस्था होगी।
