रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : 15 नवम्बर 2021 : पटना : बिहार में अफसरशाही से जनप्रतिनिधि परेशान हैं। भद्द पिटने के बाद सरकार अधिकारियों को सांसदों-विधायकों के सम्मान को लेकर पत्र भेजती है। इसके बाद भी अधिकारी सांसदों-विधायकों का सम्मान नहीं कर रहे। एक बार फिर से नीतीश सरकार ने सभी विभागों के प्रधान सचिव, डीजीपी, कमिश्नर और डीएम को पत्र लिखा है. पत्र में सांसदों एवं विधायकों के पत्र का संज्ञान लेने एवं उस पर कार्रवाई करने के साथ-साथ सम्मान प्रदर्शित करने का निर्देश दिया है. ऐसा नहीं करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.

सरकार ने सभी प्रधान सचिव-डीजीपी को लिखा पत्र

सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने इस संबंध में पत्र लिखा है. पत्र में सभी अधिकारियों को सांसद एवं विधायकों के साथ कार्य व्यवहार में मूल सिद्धांतों को पालन करने की सलाह दी है. पत्र में कहा गया है कि सभी सरकारी सेवक सांसदों एवं विधायकों के साथ विनम्रता तथा शिष्टाचार का बर्ताव करें. सांसदों एवं विधायकों की बातों को धैर्य पूर्वक सुनें एवं उन पर ध्यान पूर्वक विचार करें. प्रत्येक सरकारी सेवक को सांसदों एवं विधायकों को उनके संवैधानिक कार्यों के संपादन में यथासंभव सहायता करनी चाहिए. यदि किसी सदस्य के अनुरोध अथवा सुझाव को मानने में असमर्थता है तो उसे विनम्रता पूर्वक स्पष्ट करें.

सांसद-विधायक मिलने आयें उठकर करें स्वागत

यदि कोई सांसद या विधायक उनसे मिलने के लिए आते हैं तो उन्हें प्राथमिकता दें. बिना समय लिए मिलने आए संसद सदस्य या विधायक को अपरिहार्य कारणों से तुरंत मिलना संभव न हो तो विनम्रता पूर्वक स्थिति से अवगत कराएं.इसके साथ ही उनके परामर्श से मिलने का समय शीघ्र निर्धारित करें. प्रतीक्षा अवधि में सदस्यों की सुविधाजनक ढंग से बैठने की व्यवस्था की जानी चाहिए. संसद सदस्य तथा राज्य विधान मंडल के सदस्य (सांसद-विधायक) के मिलने आने पर पदाधिकारियों को अपने स्थान से उठकर उनका स्वागत करना चाहिए. इसके साथ ही जाते समय भी उनके प्रति सम्मान प्रदर्शित करते हुए विदा करना चाहिए.

सांसद सचिव से ऊपर हैं

सामान्य प्रशासन विभाग ने कहा है कि सांसदों के लिए वारंट ऑफ़ प्रेसिडेंट में स्पष्ट रूप से व्यक्त किया गया है। उन्हें ‘सचिव’ से ऊपर रखा गया है. ऐसे में राज्य में आयोजित राजकीय समारोह या बैठकों में संसद सदस्य अगर आमंत्रित किए जाते हैं तो उनके बैठने के स्थान राज्यपाल मुख्य न्यायाधीश के तुरंत बाद हो.साथ ही सचिव से आगे रखा जाए. जहां सांसद एवं विधायक दोनों आमंत्रित हों वहां राज्य विधान मंडल के सदस्यों का स्थान संसद सदस्यों के तुरंत बाद रखा जाना चाहिए. यदि सांसद देर से आते हैं तो ऐसी स्थिति में आरक्षित सीटों को अंत तक खाली रखें . 

शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई करें

सामान्य प्रशासन विभाग ने कहा है कि इस संबंध में कई पत्र जारी किए गए हैं. संसदीय कार्य विभाग ने भी 19 फरवरी 2021 को मार्गदर्शन निर्गत किया था. इसके बाद भी कई शिकायतें मिली हैं कि जनप्रतिनिधियों के प्रेषित पत्रों के संदर्भ में उचित कार्यवाही नहीं की गई. ऐसे में निर्देशों का अनुपालन नहीं करने की शिकायत मिलने पर उसकी जांच करें तथा दोषी पदाधिकारियों के खिलाफ उचित कार्यवाही करें.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! Copyright Reserved © RD News Network