रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : 05 अक्टूबर 2021 : न्ई दिल्ली । यूपी में लखीमपुर खीरी की घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को स्वत: संज्ञान ले लिया है। चीफ जस्टिस एनवी रमणा की बेंच गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई करेगी। सीजेआई के नेतृत्व में तीन सदस्यीय पीठ सुनवाई करेगी,जिसमें सीजेआई एनवी रमणा के साथ ही जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली शामिल हैं। कि मंगलवार को भी लखीमपुर खीरी मामले में एफआईआर दर्ज करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान लखीमपुर खीरी में हुई घटना के संबंध में गृह मंत्रालय और पुलिस को निर्देश दिया जाए कि एफआईआर दर्ज़ कर मामले में शामिल मंत्रियों को दंडित किया जाए। दो वकीलों द्वारा दायर याचिका में यह भी मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की जाए जिसमें सीबीआई को भी शामिल किया जाए. लखीमपुर खीरी से दो बार के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के विरोध में रविवार को वहां के आंदोलित किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया और इसके बाद भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री मिश्रा का बेटा जिस एसयूवी में सवार था, उसी ने किसानों को कुचल दिया जिसमें चार किसानों की मौत हो गई। हालांकि मिश्रा ने आरोप को खारिज किया है. बाद में भीड़ के हमले में चार अन्य लोग मारे गए थे।यूपी सरकार ने चार मृत किसानों के परिजनो को 45-45लाख रुपए और घायलों को 10-10लाख रुपए देने ,घटना की हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में न्यायायिक जांच कराने और मामले में मंत्री के बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
