रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : 10 जून 2021 : नौहट्टा। प्रखंड क्षेत्र के विभन्न गावों में सुहागिन स्त्रियों ने बट सावित्री की पूजन की और अपने पति की दीर्घायु होने की कामना की भोजपुरी कथा वाचक सह आचार्य पण्डित सुरेश शास्त्री ने बताया कि बट वृक्ष के मूल में ब्रम्हा मध्य में विष्णु तथा अग्र भाग में शिव का वास माना गया है बट वृक्ष देव वृक्ष माना जाता है देवी सावित्री भी इस वृक्ष में निवास करती है वृक्ष के नीचे सावित्री ने पूजन कर अपने पति को पुनः जीवित किया था तब से यह ब्रत बट सावित्री के नाम से जाना जाता है इस दिन विवाहित स्त्रियां शौभाग्य प्राप्ति के लिए ब्रत करती है कहा जाता है कि भगवान शंकर ने भी इस कथा को माता पार्वती को सुनाया था कि जयेष्ठ कृष्ण पक्ष के अमावस्या को बरगद के पेड़ का पूजन कर परिक्रमा करने से सुख शांति के साथ पति दीर्घायु होते है इसी कामना के साथ बरगद का पूजन किया जाता है। गुरुवार को क्षेत्र में हजारों की संख्या में महिलाओं ने पूजा कर सुख शांति और अपने पति को दीर्घायु होने की कामना की।

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