ब्लैक फंगस के मुकाबले के लिए पांच और कंपनियों को एम्फोटेरिसिन-बी बनाने का दिया लाइसेंस, तीन लाख वाइल का आयात भी होगा
रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : 21 मई 2021 : पटना : आरडीओ ने कोरोना से बचाव की दवा 2-डीजी विकसित करने के बाद एन्टी बॉडी जांच के लिए नई किट विकसित कर ली है।यह किट 97 प्रतिशत उच्च संवेदनशीलता और 99 प्रतिशत विशेषता के साथ सार्स सीओवी-2 वायरस के साथ-साथ न्यूक्लियोकैप्सिड (एसएंडएन) प्रोटीन दोनों का पता लगा सकती है। इस किट को जून, 2021 के पहले सप्ताह में बाजार में बिक्री के लिए लॉन्च किया जाएगा। एक बार में जांच के लिए डिपकोवैन किट 75 रुपये की मिलेगी।
डीआरडीओ के अनुसार डिपकोवैन किट पूरी तरह से स्वदेशी है क्योंकि इसे देश के ही वैज्ञानिकों ने विकसित किया है। इस किट का दिल्ली में कई अस्पतालों में एक हजार से अधिक मरीजों पर परीक्षण किया गया है। उत्पाद के तीन बैचों पर सत्यापन का काम पिछले एक वर्ष के दौरान किया गया। इस किट को अप्रैल, 2021 में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने मंजूरी दी थी। इस डिपकोवैन किट को बिक्री और वितरण के लिए बनाने की भी मंजूरी मई, 2021 में भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई), केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने दे दी है।
डिपकोवैन का उद्देश्य मानव सीरम या प्लाज्मा में गुणात्मक दृष्टि से IgG एंटीबॉडी का पता लगाना है जो सार्स सीओवी-2 से संबंधित एंटीजेन लक्षित करता है। यह काफी तेज़ टर्न-अराउंड-टाइम प्रदान करता है क्योंकि अन्य बीमारियों के साथ किसी भी क्रॉस रिएक्टिविटी के बिना परीक्षण करने के लिए इसे केवल 75 मिनट की आवश्यकता होती है। किट की शेल्फ लाइफ 18 महीने की है। उद्योग साझेदार कंपनी वैनगार्ड डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड जून, 2021 के पहले सप्ताह में किट को बाजार में बिक्री के लिए लांच करेगी। तब यह किट आसानी से बाजार में उपलब्ध होगी। 100 किट से लगभग 10 हजार जांच की जा सकेंगी। लांच होने के बाद प्रति माह 500 किट का उत्पादन होगा। कोरोना की घर बैठे जांच तथा 75 मिनट में एंटीबॉडी की जांच के लिए नए किट विकसित।
सरकार ने ब्लैक फंगस के मुकाबले के लिए पांच और कंपनियों को एम्फोटेरिसिन-बी बनाने का दिया लाइसेंस, तीन लाख वाइल का आयात भी होगा ब्लैक फंगस के रूप में आयी नई बीमारी का सामना करने के लिए भारत सरकार के प्रयास और सहयोग से एन्टी फंगल दवा एम्फोटेरिसिन-बी का उत्पादन बढाने के लिए पांच और कंपनियों को लाइसेंस दिये गए हैं। इसके अलावा सरकार इस दवा की 3 लाख से ज्यादा वाइल आयात भी करेगी। एम्फोटेरिसिन-बी एक-दो सप्ताह में बाजार में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होगी। अब रेमडेसिविर इंजेक्शन की भी कमी नहीं है।
आई सी एम आर ने रैपिड एंटीजन टेस्ट किट विकसित की है जिससे घर में ही व्यक्ति कोरोना की जांच कर सकेगा। यह किसी भी दवा की दुकान पर उपलब्ध होगा और मात्र 15 मिनट में कोरोना की जांच हो सकेगी। बहुत शीघ्र ही इसका 1 करोड़ टेस्ट किट बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध हो जाएगा।
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं भाजपा सासंद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि रक्षा मंत्रालय के अन्तर्गत काम करने वाले शोध संस्थान डीआरडीओ ने कोरोना से बचाव की दवा 2-डीजी विकसित करने के बाद एन्टी बॉडी जांच के लिए नई किट विकसित कर ली है।
डिपकोवॉन नामक इस किट से 75 मिनट के भीतर एंटीबाडी की जांच की जा सकेगी, जिसकी कीमत मात्र रु.75 होगी।

