माथे पर स्वर्वेद व हाथों में श्वेत ध्वजा लिए हजारों भक्तों ने शहर का किया भ्रमण
रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : नोखा । मुख्य बाजार में विहंगम योग संत समाज नोखा प्रखंड इकाई द्वारा शनिवार को नोखा नगर परिषद क्षेत्र में स्वर्वेद यात्रा निकाली गई। नोखा बस स्टैंड से शुरू हुए स्वर्वेद यात्रा में सैकड़ों की संख्या में शामिल श्रद्धालुओं ने अपने माथे पर अद्वितीय आध्यात्मिक सदग्रंथ स्वर्वेद को लेकर शहर भर में भ्रमण किया। माथे पर स्वर्वेद व हाथों में ‘अ’ अंकित श्वेत ध्वजा लिए एक कतार में चल रहे भक्तों को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। सैकड़ों लोग सड़क के दोनों छोर पर खड़े होकर इस आध्यात्मिक यात्रा को दृश्य को अपने मोबाइल के कैमरों में कैद करने से भी नहीं चूके। प्रशासन द्वारा भी सुरक्षा व्यवस्था में सहयोग प्रदान किया गया। शोभायात्रा में शामिल महिला व युवा वर्गों में खासा उत्साह दिख रहा था। नोखा बाजार में स्वर्वेद की वाणियां गूंजती रही। आश्रम की ओर से सभी लोगाें के लिए भोजन, जलपान व पेयजल की व्यवस्था की गई थी। यात्रा में शामिल लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो इसके लिए स्वंय सेवकों की टीम सुबह से हीं सेवा में लगी रही। संस्थान से जुड़े लोगों ने कहा कि कि स्वर्वेद यात्रा का मूल उदेश्य स्वर्वेद महाग्रंथ को जन-जन तक पहुंचाकर समाज में फैली कुरीतियां अशांति, कुसंस्कार एवं हिंसा नष्ट कर सुंदर, स्वच्छ एवं आध्यात्मिक राज्य की स्थापना करना है। विहंगम योग के प्रणेता अमर हिमालया योगी अनन्त श्री सदगुरू सदाफल देव जी महाराज का हिमालय की कन्दराओं में योग समाधिजन्य अवस्था में प्राप्त चरम अनुभूतियों की अभिव्यक्ति स्वर्वेद में निहित है। स्वर्वेद सदगुरू की शक्ति है। जिसके पठन मात्र से एक साधक के शुभ संस्कार उदय हो जाते है, अशुभ संस्कार, अविद्या नष्ट हो जाते हैं, विवेक जागृत हो जाता है। शांति एवं आनंद की प्राप्ति होती है। स्वर्वेद एक एैसा दिव्य एवं अलौकिक महाग्रंथ है, जिसके मार्ग पर चलकर मनुष्य संसार की हर परिस्थिति में आनन्द एवं शांति से परिपूर्ण रहता है, अपने जीवन के सभी लक्ष्यों को सफलता पूर्वक प्राप्त कर लेता है। स्वर्वेद का प्रचार हीं मानवता की श्रेष्ठ सेवा है। स्वर्वेद यात्रा नोखा बस स्टैंड से शुरू होकर बाजार के विभिन्न मार्गों से होकर गुजरा। स्वर्वेद यात्रा के आयोजन में संस्थान के सभी गुरु भाई एवं बहनों ने बढ़-चढ़कर सहयोग किया।


