पेगासस साफ्टवेयर को लेकर भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के दूसरे देशों में भी मच चुका है बवाल

रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : 28 अक्टूबर 2021 : नई दिल्ली।  पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए  सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आरवी रविंद्रन की अध्यक्षता में समिति भी बना दी। समिति को कोई समयसीमा तो नहीं दी गई है, लेकिन मामले की सुनवाई आठ हफ्ते में होनी है।  कोर्ट ने कहा कि भारत के प्रत्येक नागरिक की निजता अहम है, उसका उल्लंघन नहीं हो सकता। बहरहाल, समिति जांच कर बताएगी कि क्या नागरिकों के फोन व अन्य उपकरणों में इजरायली पेगासस स्पाइवेयर का प्रयोग करके उनके डाटा और बातचीत को टेप किया गया, इस तरह किन-किन लोगों की जासूसी हुई और कौन लोग पीड़ित हैं। समिति यह भी जांचेगी कि अगर पेगासस का प्रयोग किया गया तो किस कानून के तहत किया गया और क्या इसके लिए तय प्रोटोकाल और प्रक्रिया अपनाई गई।

समिति इन चीजों की करेगी जांचक्या भारत के नागरिकों के फोन या उपकरणों का डाटा लेने, बातचीत जानने आदि के लिए पेगासस स्पाइवेयर का प्रयोग किया गया। कौन लोग इससे प्रभावित हुए या कौन लोग इसके पीड़ित हैं। 2019 में पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल करके भारतीय नागरिकों के वाट्सएप को हैक करने की आई खबर के बाद भारत सरकार ने क्या कार्रवाई की थी। क्या केंद्र सरकार या किसी राज्य सरकार या किसी केंद्रीय अथवा राज्य एजेंसी ने भारत के नागरिकों के खिलाफ प्रयोग के लिए पेगासस लिया है। अगर किसी सरकारी एजेंसी ने देश के नागरिकों के खिलाफ पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया है तो ऐसा किस कानून, नियम, दिशा-निर्देश, प्रोटोकाल के तहत किया गया। ऐसा करने में कानून की तय प्रक्रिया का पालन हुआ या नहीं। अगर किसी घरेलू निकाय ने नागरिकों के खिलाफ स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया है तो क्या ऐसा करना अधिकृत है। इसके अलावा इससे संबंधित किसी और पहलू जिसे समिति उचित समझे, जांच कर सकती है।

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