रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : 30 जुलाई 2021 : पटना। सीएजी की वर्ष 2018-19 की  रिपोर्ट आज सार्वजनिक हो गयी है।प्रमुख राजस्व शीर्षों के अंतर्गत 31 मार्च 2019 को बकाया राजस्व 4107.32 रुपये करोड़ था जिसमें से 521.07 करोड़ पाँच वर्षों से अधिक समय से लंबित था। सामान्य हिस्से में वर्ष 2018-19 के लिए बिहार सरकार की कुल प्राप्तियाँ ₹1,31,793.45 करोड़ थी जिसमें से राज्य सरकार द्वारा अपने स्रोतों से सृजित राजस्व 33,538.70 करोड़  रुपये यानी 25.45 प्रतिशत था। भारत सरकार से प्राप्तियों का हिस्सा 98,254.75 करोड़ रुपये कुल प्राप्तियों का 74.55 प्रतिशत था जिसमें संघीय करों में राज्य का हिस्सा 73,603.13 करोड़ रुपये (कुल प्राप्तियों का 55.85 प्रतिशत) तथा सहायता अनुदान ₹24,651.62 करोड़ (कुल प्राप्तियों का 18.70 प्रतिशत) समाविष्ट थे। टैक्स बसूली में कॉमर्शियल टैक्स ने जुर्माने बसूलने में भारी शिथिलता CAG ने पाया कि तीन व्यवसायी से 5.64 करोड़ रुपये के टैक्स चोरी का पता नहीं लगा सका।

100 दिनों की मजदूरी मांगने वाले परिवारों में से मात्र 1 फीसदी लोगो को रोजगार मिला।काम पूरा मात्र 14 फीसदी हुए। दस साल में 64 फीसदी सीमा चौकिया मुख्य सड़क से नहीं जुड़ी। सशस्त्र सीमा बल की गतिशीलता पर प्रभाव डाल रहीं है।SCST लोगो को भी रोजगार नहीं मिले 22-24 फीसदी रजिस्टर्ड SCST लोगो मे से 19 से 59 फीसदी लोगो को 10 से 15 दिनों का रोजगार मिला।वर्ष 2014 से 19 के बीच मंदी समय मे 26 से 36 फीसदी लोगो ने रोजगार डिमांड की पर मिला मात्र 9 फ़ीसदी लोगो को रोजगार।मनरेगा भूमिहीन आकस्मिक मजदूरों के पंजीकरण में सुधार करने की जरूरत है। 60.88 लाख भूमिहीन मजदूरों  सर्वेक्षण में से मात्र 3.34 फीसदी मजदूरों का जॉब कार्ड बने। 1 फीसदी से भी कम लोगो को जॉब कार्ड मिले। 22 हजार 678 इच्छुक परिवारों में से 146 को जॉब कार्ड मिले। 2014-19 की अवधि में मात्र नौ से 14 फीसदी रजिस्टर्ड विकलांग लोगो को और 9 फीसदी वरिष्ठ नागरिकों को जॉब मिला। आधार साइडिंग बेस्ड पेमेंट में सरकर पीछे।मात्र 25 फीसदी लोगो को आधार पेमेंट हुआ।

निजी मकानों पर भी मनरेगा से काम हुए।निजी जमीन पर काम हुए। कुछ ऐसे मकान बनाये गए जिनमे काम नही हो रहें। पौधारोपण में भी भारी गड़बड़ीऑफ सीजन पौधरोपण से ज्यादातर पेड़ सुख गए। महादलितों के लिए सामुदायिक भवन 916 में से 147 भवन पूरे हुए।जनवरी 2020 तक पूरे हुए है।बाकी 608 भवन का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुए।वर्ष 2016-19 के दौरान यह आंकड़ा है। पटना में फ्लाई ओवर बनाने के लिए राज्य पुल निर्माण निगम ने भारी गड़बड़ी की।काम शुरू करने और तकनीकी स्वीकृति के पहले निर्माण करने वाले ठेकेदारों को 66 करोड़ रुपये दे दिए। लोहिया चक्र में भी भारी गड़बड़ी हुई। राजकोष पर 18.41 करोड़ रुपये का बोझ बड़ा। परिवहन विभाग का बड़ा खेल।सुल्तान पैलेस के लिए दिखाए खर्चअपनी ही जमीन और मकान के लिए खर्च कर दिए 259 करोड़ रुपये।

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