बिक्रमगंज । शहर के कृषि विज्ञान केंद्र के प्रांगण में विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर लगभग 100 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया गया एवं इसमें कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान आर के जलज ने किसानों को पराली नहीं जलाने क्योंकि मृदा मां होती है उसके स्वास्थ्य का ख्याल रखने एवं किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड का उपयोग कर उसके अनुसार खाद देने की बारे में विस्तार पूर्वक बताया । उन्होंने हैप्पी सीडर , सुपर सीडर चलाने तथा किसानों को स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार खाद देने की सलाह दी । इस अवसर पर भी वनस्पति अनुसंधान केंद्र के प्रभारी वैज्ञानिक डॉक्टर के के प्रसाद ने किसानों को फसल चक्र मिट्टी सघनता मिट्टी को पलटने एवं मिट्टी की उर्वरता को ध्यान में रखकर समय-समय पर खेती करने की सलाह दी । उन्होंने क्रॉप कैलेंडर बनाकर के किसानों को बताया कि खेती कैसे की जाए । इसी अवसर पर सिंचाई अनुसंधान केंद्र के प्रभारी डॉ एम के द्विवेदी ने किसानों को मिट्टी के स्वास्थ्य एवं मिट्टी में पाए जाने वाले पोषक तत्व तथा उसके बारे में किस पोषक तत्व की कमी से कौन सी बीमारियां या पौधा पर किस प्रकार का प्रभाव पड़ता है के बारे में विस्तार पूर्वक बताया । इस अवसर पर उद्यान वैज्ञानिक रतन कुमार ने किसानों को मृदा स्वास्थ्य में फल एवं सब्जी के पौधों के लिए जैविक खेती पर बल दिया एवं किसानों को बताया कि जैविक खेती से मृदा के स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव पड़ेगा और आज स्वास्थ्य के मामलें में डब्ल्यूएचओ का गाइडलाइन है कि हर 8 में से एक आदमी को कैंसर है । पेस्टिसाइड इंसेक्टिसाइड का प्रयोग कम करें । इस अवसर पर किसान इंदु राय, भिखारी राय ,धनंजय ने अपने विचार व्यक्त किए तथा विभिन्न एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से आए हुए रावे के छात्र एवं छात्राओं ने मृदा स्वास्थ्य के बारे में 5 महीनों के अनुभवों को साझा किया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के सहकर्मी प्रवीण पटेल , अभिषेक कौशल , सुरेश कुमार, राकेश कुमार एवं नवीन कुमार तथा विभिन्न किसान एवं छात्र संतोष कुमार, प्रियंका कुमारी ,असम , अजय कुमार व पप्पू कुमार इत्यादि उपस्थित थे ।
