आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 13 दिसम्बर 2022 : बिक्रमगंज । पंचांग की गणना के अनुसार 15 दिसंबर 2022 को सुबह 4.42 बजे सूर्य का वृश्चिक राशि को छोड़कर धनु राशि में प्रवेश होगा । धनु में सूर्य के प्रवेश को लेकर यह धनु संक्रांति कहलाएगी । इसी दिन से शुभ कार्य बंद हो जाएंगे । एक महीने तक शहनाइयों की गूंज सुनाई नहीं देगी । सूर्य की धनु संक्रांति विशेष इसलिए बताई जाती है, क्योंकि धनु संक्रांति में ही पौष माह आता है । पौष माह सूर्य की विशिष्ट आराधना का बताया गया है । पंडित हरिशरण दुबे के अनुसार 16 दिसंबर 2022 को सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ ही सभी तरह के मांगलिक कार्यों पर एक माह के लिए विराम लग जाएगा । इस माह केवल 15 दिसंबर तक ही शहनाई बजेगी । इसके बाद 16 जनवरी तक मुंडन, सगाई और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं होंगे । इस अवधि को खरमास कहा जाता है । नए वर्ष 2023 में 14 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश कर उत्तरायण होने के साथ खरमास समाप्त होगा । इसके बाद शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाएगी । पंडित दुबे ने बताया कि बृहस्पति की राशि धनु में जब सूर्य का प्रवेश होता है, तो वह धर्म व अध्यात्म संस्कृति से संबंधित परिस्थितियों को परिवर्तित करते हैं । इसी कारण महर्षियों ने इस संक्रांति के दौरान धार्मिक तीर्थ यात्रा तथा भगवत भजन कथा श्रवण का अनुसरण करने का अनुक्रम बताया है ।
इसलिए विवाह नहीं होते :-
धनु राशि में प्रवेश करने के कारण सूर्य कमजोर हो जाता है । ऐसी स्थिति में वर को सूर्य का बल नहीं मिलता । जब वर को सूर्य और वधु को गुरु का बल और दोनों को चंद्रमा का बल मिलता है, तभी शादी-विवाह के योग बनते हैं । विवाह के लिए सूर्य महत्वपूर्ण कारक ग्रह है, इसलिए धनुर्मास में विवाह पर शुभ कार्य नहीं होते हैं । 14 जनवरी 2023 को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश कर उत्तरायण होने के साथ समाप्त होगा । ऐसा कहा जा सकता है कि धनु राशि के सूर्य की साक्षी में धर्म तथा तीर्थ की यात्रा के लिए विशेष लाभ देने वाला रहता है ।