आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 10 जुलाई 2022 : सासाराम : ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर्व रविवार को जिलेभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, चाहें शहर हो या गांव-कस्बें. हर जगहों पर अकीदमंदों ने अपने-अपने संबंधित ईदगाहों व मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की नमाज अदा की और शांति अमन चैन की दुआऐं मांगी. फिर मुस्लिम अनुवाईयों सहित नन्हें-मुन्हें बच्चें से लेकर बुजुर्ग, युवा वर्ग के लोगों ने एक दूसरे से गले मिल बधाई दी. जिससे आपसी सौहार्द एवं प्रेम का प्रतीक कहे जाने वाले यह त्योहार को लेकर सुबह से ही लोगों में उल्लाह देखा गया. मुस्लिम अनुवाईयों ने सुबह से ही घर परिवार से लेकर रिश्तेदारों में बधाइयां देना शुरू कर दिए थे. साथ ही बकरीद का पर्व जश्न के साथ मनाने के लिए एक दूसरे को आमंत्रित भी कर रहे. शहर के मदिना मस्जिद, खीलनगंज, नूरनगंज, चौखंडी, शाह जलाल पीर, रौजा हसन खां सूर, शाहजुमा, अड्डा रो, फारूकगंज, जक्कीशहीद, पोस्तेखानी, शाही मस्जिद, ईदगाह, बागभाई खां, भोगलपुरा, खानकाह आदि मस्जिदों में सुबह 5:45 के 8:30 बजे तक नमाज अदा किया गया.
बधाईयां के लिए एक दूसरे के घर लगा रहा आना-जाना-
बकरीद को लेकर पूरे दिन लोग सफेद कुर्ता पजामा पहन कर एक दूसरे को बधाइयां देते दिखे तथा देर शाम तक परिवार के सदस्यों द्वारा एक दूसरे के घर आना जाना लगा रहा. ईद उल अजहा के अवसर पर लोग भेड़-बकरियों की बली देकर मांस को अपने दोस्त व रिस्तेदारो में भी वितरित करते हैं.
अ्रधिकांश दूकानें बंद, दोपहर तक पसरा रहा सन्नाटा-
पर्व को लेकर शहर की अधिकांश दुकानें बंद रही व सड़कों पर दोपहर तक सन्नाटा पसरा रहा. अन्य समुदायों के लोगों ने भी इस मोहब्बत के पर्व में शरीक होकर बधाई दी व मिष्ठान, फल तथा तरह-तरह के व्यंजनों का स्वाद चखा. इस पर्व में राजनीतिक व सामाजिक वर्ग से जुड़े लोगों का एक-दुसरे के घर आना जाना कम रहा.