इस तरह के प्रायोजित कर वीडियो वायरल करने वाले है देशद्रोही

वायरल वीडियो से अधिकारियों के उड़े है होश

रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : बिक्रमगंज । बिक्रमगंज नगर परिषद के द्वारा विगत माह में शहर के तेंदूनी चौक पर सौंदर्यीकरण के लिए लगाया गया भारत का राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ इन दिनों शहर सहित रोहतास जिले में कौतूहल का विषय बन गया है । उसी तहत 17 फरवरी को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने के उपरांत नगर परिषद सहित अन्य अधिकारियों के जवाब देने पर विवश करते नजर आ रहा है । बताया जा रहा है कि 23 जनवरी को शहर के तेंदुनी चौक पर संवेदक द्वारा भारत का राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह अशोक स्तंभ को लगाकर पुनः 26 जनवरी को संध्या काल में संवेदक द्वारा सम्मानपूर्वक हटाकर आज भी प्रतीक चिन्ह को एक सुरक्षित स्थान पर रखा गया है । लेकिन उसी प्रतीक चिन्ह को बिक्रमगंज नप के वार्ड संख्या 22 में एक कचरे के ढ़ेर में फेंके जाने का दावा करते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह भारी वीडियो को वायरल किया गया है । जिसकी जानकारी नप ईओ प्रेम स्वरूपम सहित नप सभापति रब नवाज खान को मिलते ही अनुमंडल के वरीय अधिकारियों को अवगत कराकर 17 फरवरी को अहले सुबह सोशल मीडिया द्वारा वायरल वार्ड संख्या 22 के निरीक्षण में जुट गए । जिसके उपरांत पाया गया कि सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल कचरे के ढ़ेर में रखा प्रतीक चिन्ह शहर के वार्ड संख्या 22 की किसी क्षेत्र की नही है । जहां जांचोपरांत किसी प्रकार का प्रतीक चिन्ह के आपत्तिजनक कोई साक्ष्य प्राप्त नही हो सके है ।इसके बावजूद नप के ईओ और सभापति ने नप क्षेत्र स्थित सभी क्षेत्रों का अहले सुबह से देर शाम तक इस साक्ष्य को ढूंढने में कर्मियों सहित लगे रहे लेकिन इस तरह का मामला कहीं नही मिला । अब ये सोचने वाली बात है कि जिस राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह को संवेदक द्वारा सम्मान जनक स्थिति में कही सुरक्षित जगह रखा गया है । इसके बावजूद यह एक अन्य राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह का वीडियो वायरल हुआ कैसे ? इस संबंध में जब नप ईओ प्रेम स्वरूपम और नप सभापति रब नवाज खान से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर प्रतीक चिन्ह का वायरल वीडियो किसी अन्य जगह का दिखाकर साजिश के तहत परिषद क्षेत्र सहित अधिकारियों को बदनाम करने की साजिश रची गई है । जिस मामलें को वरीय अधिकारियों से जांच कराने के लिए हम सदैव तत्पर है । जिसके तहत चाहे दोषी कोई भी हो उसे सख्त कानूनी सजा मिलनी चाहिए । हम अनुमंडल क्षेत्र के सभी वासियों को सूचित करना चाहता हूं कि सोशल मीडिया पर जो प्रतीक चिन्ह का वीडियो वायरल किया गया है वह दिग्भ्रमित करने वाला है । सोशल मीडिया के अफवाहों से बचें ।

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