रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : पटना। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का आज जदयू में विलय के साथ नीतीश कुमार ने ऐलान किया कि उपेंद्र कुशवाहा पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष होंगे। आठ वर्ष पहले नीतीश कुमार से अलग होकर उपेंद्र ने रालोसपा का गठन किया था।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मिलन समारोह के दौरान संबोधन में इस बात की घोषणा कर दी। नीतीश कुमार ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने जो बड़ा फैसला किया है इसके लिए उन्होंने अपनी कोई इच्छा नहीं जताई थी लेकिन इसके बावजूद हम उनके बारे में सोचेंगे हमारी जवाबदेही बनती है कि उपेंद्र कुशवाहा के कद को देखते हुए उन्हें कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाए इसलिए आज अभी इसी वक्त से उपेंद्र कुशवाहा जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष होंगे।

नीतीश कुमार ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा और हम लंबे अरसे से साथ राजनीति करते रहे हैं हम एक थे और आगे भी एक रहेंगे। उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार के बदले हुए राजनीतिक परिस्थितियों में विलय का फैसला किया और हम दोनों हाथ फैला कर उनके इस फैसले का स्वागत करते हैं। रालोसपा के जेडीयू में हुए विलय पर खुशी जताते हुए कहा कि अब साथ मिलकर हम काम करेंगे और समाज को आगे बढ़ाएंगे।  जदयू कार्यालय में सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में आरएलएसपी का विलय के समय नीतीश कुमार ने पहले गुलदस्ता देकर उपेंद्र कुशवाहा का स्वागत किया। इसके बाद कुशवाहा को पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। 9 साल बाद एक बार फिर कुशवाहा और नीतीश कुमार एक साथ हो गए । विलय से पहले रविवार को कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार मेरे बड़े भाई हैं, वहीं पार्टी में मेरी भूमिका को तय करेंगे। उन्होंने कहा कि सामान्य विचार धारा के लोगों के साथ एक मंच पर होना चाहिए। समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान और बराबरी पर लाने के लिए जदयू में पार्टी का विलय कर रहा हूं।

कुशवाहा ने कहा कि बिहार की जनता ने जो जनादेश दिया है, उसकी वजह से मिलना हुआ है। बिहार की शिक्षा व्यवस्था को और भी दुरुस्त किया जाएगा। वहीं, तेजस्वी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष क्या कह रहे हैं, वही जानें। उनकी बुद्धि पर तरस आ रही है। एक नेता के जाने से वो आरएलएसपी को अपनी पार्टी में विलय की बात कर रहे हैं।

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