आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 28 जून 2022 : मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की संभावना बढ़ती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई को सुनवाई की अगली तारीख तय करके शिवसेना के बागी एमएलए को इस बीच में इस विकल्प पर मंथन करने का मौका दे दिया है। कानून के जानकार भी मान रहे हैं कि अब इस राजनीतिक संकट का हल विधानसभा के अंदर ही होने के आसार बढ़ गए हैं, क्योंकि अदालत ने उद्धव सरकार की ओर से फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने की मांग भी ठुकरा दी है। इन परिस्थितियों में अब सभी पक्ष 11 जुलाई तक का इंतजार करने से पहले नए सिरे से ऐक्टिव हो गए हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा में अब है फ्लोर टेस्ट की बारी ?
महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट को लगभग अवश्यंभावी बना दिया है। उद्धव सरकार की ओर से अदालत में उनके वकीलों ने काफी कोशिश की कि किसी तरह से फ्लोर टेस्ट पर भी अगली सुनवाई तक रोक लग जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। सूत्रों की मानें तो विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल की ओर से शिवसेना के 16 बागी एमएलए को थमाई गई अयोग्यता की नोटिस पर जवाब देने के लिए 12 जुलाई की शाम तक का समय सुप्रीम कोर्ट से मिलने के बाद एकनाथ शिंदे गुट सदन में फ्लोर टेस्ट करवाने के संवैधानिक प्रक्रियाओं को लेकर चर्चा शुरू कर चुका है।
राज्यपाल फ्लोर टेस्ट के लिए कह सकते हैं
अभी तक शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों गुटों में से कोई भी झुकने को तैयार नहीं दिख रहा है। ऐसे में सूत्रों का मानना है कि अस्पताल से डिस्चार्ज होकर राजभवन लौट चुके गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी मौजूदा परिस्थियों में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से सदन में बहुमत साबित करने को भी कह सकते हैं। यह इसी हफ्ते भी हो सकता है और पूरा अगला हफ्ता भी बाकी है। यह भी संभावना है कि शिंदे कैंप भी राज्यपाल से यह मांग कर सकता है या फिर विपक्ष का कोई भी छोटा दल भी इसके लिए राजभवन पहुंच सकता है। वैसे जानकारी के मुताबिक फिलहाल बीजेपी खुद इसकी पहल करने से बच रही है, लेकिन वह किसी सहयोगी को भी इसके लिए आगे कर सकती है।