मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) ने शुक्रवार को कहा कि वह पार्टी के मूल नाम ‘शिवसेना’ और उसके चुनाव चिह्न् ‘तीर-कमान’ को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता वाली बालासाहेबंची शिवसेना गुट को देने के चुनाव आयोग (ईसी) के फैसले को चुनौती देने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख करेंगे। शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने चुनाव आयोग के कदम की आलोचना करते हुए कहा कि यह सच्चाई और न्याय का मजाक है।

राउत ने कहा, ..बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना पर 40 लोगों ने दावा किया और चुनाव आयोग ने इसे मंजूरी दे दी। स्क्रिप्ट पहले ही लिखी जा चुकी थी और तैयार थी। शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा कि देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है और गद्दार कहता रहा कि (ईसी) फैसला उसके पक्ष में होगा। चमत्कार हुआ है! लड़ते रहो।

दूसरी ओर, शिंदे, शंभूराज देसाई और अन्य सहित बीएसएस नेताओं ने चुनाव आयोग के कदम का स्वागत किया और कहा कि वह अब नए नाम और प्रतीक के तहत तुरंत काम करना शुरू कर देंगे। शिंदे ने कहा- यह हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे और आनंद दीघे, सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों (विधायकों और सांसदों) के आदशरें और लाखों कार्यकर्ताओं के आदशरें की जीत है। यह लोकतंत्र की जीत है और चुनाव आयोग का फैसला गुण-दोष के आधार पर हमारे पक्ष में आया है। हमारी सरकार संविधान, बहुमत के समर्थन और जनादेश के आधार पर बनी थी।

चुनाव आयोग के फैसले को सत्तारूढ़ सहयोगी राज्य भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने भी ‘ऐतिहासिक’ बताया और इसे ‘सत्यमेव जयते’ (सत्य की विजय) कहा। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के आदशरें पर चलने वाली शिंदे की पार्टी को ‘शिवसेना’ नाम और ‘तीर-कमान’ चिन्ह दिया गया है।

फडणवीस ने कहा कि वह फैसले को लेकर आशान्वित थे क्योंकि चुनाव आयोग ने इसी तरह के मामलों में अपने पिछले फैसलों पर भरोसा किया है, और इसलिए दूसरे पक्ष के दबाव के बावजूद स्वतंत्र और निडर तरीके से शिंदे के पक्ष में फैसला सुनाया।

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शिवसेना (यूबीटी) की प्रवक्ता सुषमा अंधारे ने कहा कि पार्टी चुनाव आयोग के फैसले को कानूनी चुनौती देगी और अगली लड़ाई अदालतों में लड़ी जाएगी। उन्होंने सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों को तैनात करने और सार्वजनिक कार्यालयों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया, जिसके कारण जून 2022 में पूर्ववर्ती महा विकास अघडी (एमवीए) सरकार गिर गई।

शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मीडिया को संबोधित किया और चुनाव आयोग के फैसले पर नाराजगी जताई और शिंदे गुट पर जमकर निशाना साधा। फडणवीस ने कहा कि अब बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित असली शिवसेना अब शिंदे के पास आ गई है जो उनके आदशरें और सिद्धांतों का पालन करते रहे हैं और शिवसेना (यूबीटी) उच्च न्यायालय में चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने के लिए स्वतंत्र है।

इस बीच, मुख्यमंत्री के गृह नगर ठाणे, नासिक, औरंगाबाद और महाराष्ट्र के अन्य स्थानों पर चुनाव आयोग के फैसले का जयकारों के साथ स्वागत किया गया, ‘शिवसेना’ नाम और ‘तीर-कमान’ के प्रतीकों को प्रदर्शित करते हुए शिवसेना जिंदाबाद, एकनाथ शिंदे जिंदाबाद के नारे लगाए गए, पटाखे फोड़े गए, मिठाइयां बांटी गई।

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