नगर निकायों में ग्रुप डी और ग्रुप सी की कर्मचारियों की नियुक्ति से लेकर उनके तबादले का काम सरकार ने अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया था

बिहार में 19 नगर निगम, 89 नगर परिषद और 154 नगर पंचायत हैं।कुल 262 नगर निकाय हो गये हैं ।

आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 21 अक्टूबर 2022 : पटना। हाईकोर्ट ने आज बिहार सरकार को एक और झटका दिया है । हाईकोर्ट ने नया नगरपालिका एक्ट रद्द कर दिया है कोर्ट ने कहा कि सरकार ने मनमाने तरीके से फैसला लिया। कोर्ट ने बिहार नगरपालिका एक्ट, 2007 में 2021 में राज्य सरकार द्वारा किए गए संशोधनों को असंवैधानिक करार देते हुए उसे रद्द कर दिया है।पटना हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा-बिहार सरकार ने 2021 में नगरपालिका एक्ट जो संशोधन किया है वह संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है। राज्य सरकार ने इसपर मनमाने तरीके से फैसला लिया है. कोर्ट ने कहा- नगर निकायों को संवैधानिक तौर पर कई अधिकार प्राप्त हैं। अगर वे अपने कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार पर निर्भर हो जायेंगे तो उनकी स्वतंत्रता कमजोर होगी। ऐसे में अपने कर्मचारियों की नियुक्ति का अधिकार नगर निकायों के पास ही रहना चाहिये। कोर्ट ने 2007 के नगरपालिका एक्ट को पूरी तरह से लागू करने का फैसला सुनाया है.

चीफ जस्टिस संजय करोल की बेंच ने आज इस मामले में अपना फैसला सुनाया है।  बिहार सरकार ने 2021 में बिहार नगरपालिका एक्ट लागू किया था। इसमें 2007 के नगर पालिका एक्ट की धारा 36, 37, 38 और 41 में संशोधन किया गया था। इन संसोधनों के बाद नगर निकायों में ग्रुप डी और ग्रुप सी की कर्मचारियों की नियुक्ति से लेकर उनके तबादले का काम सरकार ने अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया था।

तब सरकार के इस फैसले के खिलाफ आशीष कुमार सिन्हा समेत अन्य ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था। जिसके बाद शुक्रवार को चीफ जस्टिस संजय करोल की बेंच ने इसपर अपना फैसला सुनाया है और 2021 में राज्य सरकार को द्वारा किए गए संशोधनों को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया है.

सुनवाई के दौरान कोर्ट को याचिकाकर्ताओं की  ओर से  कोर्ट को बताया गया कि दूसरे सभी राज्यों में नगर निगम के कर्मियों की नियुक्ति नियमानुसार निगम द्वारा ही की जाती है। उनका कहना था कि नगर निगम एक स्वायत्त निकाय है। कोर्ट को आगे यह भी बताया कि चेप्टर 5 में दिए गए प्रावधान के मुताबिक निगम में ए और बी केटेगरी में नियुक्ति का अधिकार राज्य सरकार को है जबकि सी और डी केटेगरी में नियुक्ति के मामले में निगम को बहुत थोड़ा सा नियंत्रण दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! Copyright Reserved © RD News Network