आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 07 जनवरी 2023 : पटना। भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि जातीय जनगणना का फैसला एनडीए सरकार का, महागठबंधन का नहीं । उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव बतायें कि इसे लागू करने में 7 महीने देर क्यों हुई? 

बिहार विधानमंडल, संसद और पीएम से मिलने वाले प्रतिनिधित्वमंडल तक में भाजपा ने किया जातीय जनगणना का किया समर्थन। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भाजपा हमेशा जातीय जनगणना के पक्ष में रही और 2 जून 2022 को बिहार में जातीय जनगणना कराने का कैबिनेट का फैसला भी उस सरकार का था, जिसमें दो उपमुख्यमंत्री भाजपा के थे। महागठबंधन को इसका श्रेय लूटने की कोशिश नहीं करनी चाहिए ,उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना कराने का फैसला जिस एनडीए सरकार ने किया, उसमें तेजस्वी प्रसाद यादव डिप्टी सीएम नहीं थे। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वर्ष 2011 में जब सामाजिक, आर्थिक और जातीय आधार पर जनगणना कराने पर संसद में चर्चा हुई, तब भी भाजपा ने इस मांग का समर्थन किया था।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक और तेलंगाना के बाद बिहार तीसरा राज्य है, जहां भाजपा के समर्थन से जातीय जनगणना शुरू हो रही है। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव बतायें कि जब जातीय जनगणना शुरू कराने देने का फैसला जून 2022 में हुआ था, तब यह काम सात महीने देर से जनवरी 2023 में क्यों शुरू कराया जा रहा है? श्रेय लेने वालों को इसका जवाब देना चाहिए ।

उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों को आरक्षण देने के लिए गठित विशेष आयोग की रिपोर्ट अब तक सार्वजानिक नहीं की गई। क्या सरकार गारंटी देगी कि जातीय जनगणना की रिपोर्ट सार्वजानिक की जाएगी ?श्री सुशील मोदी ने कहा कि जातीय जनगणना में लोगों से क्या-क्या सवाल पूछे जाएँगे और गणना की प्रकिया क्या होगी, इसकी जानकारी राजनीतिक कार्यकर्ताओं को देने के लिए सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।

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