जीतन राम मांझी ने कहा- राम कोई भगवान नहीं थे, वाल्मीकि और तुलसीदास के काव्य पात्र थे

आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 16 अप्रैल 2022 : पटना : सुशील मोदी ने किया पलटवार- श्रीराम को काल्पनिक बताना वाल्मीकि, शबरी, केवट और लव-कुश का अपमान – राजनीतिक स्वार्थ के लिए पुरखों पर सवाल उठाना उचित नहीं भाजपा सांसद एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम  भारतीय इतिहास, संस्कृति और परम्परा के नायक ही नहीं, हमारे पुरखा हैं।  उनके समकालीन महर्षि वाल्मीकि ने रामायण के रूप में, जिनका इतिहास लिखा और जिनके होने के अमिट प्रमाण अयोध्या से श्रीलंका के रामसेतु तक उपलब्ध हैं, उन पर अनर्गल बयान देकर किसी को भी   करोड़ों हिंदुओं की भावनाएँ  आहत नहीं करनी चाहिए।   जिन दलों या लोगों ने  क्षुद्र राजनीतिक हितों के दबाव में ऐसे बयान दिये, वे राम-भक्त समाज के चित से ही उतर गए।  श्रीराम ऐसे विराट व्यक्तित्व थे कि उनके जीवन से भारत ही नहीं, नेपाल, श्रीलंका, इंडोनेशिया  सहित कई देशों की संस्कृति  प्रभावित हुई।    जो श्रीराम को काल्पनिक बताने का दुस्साहस कर रहे हैं, वे दरअसल आदि कवि वाल्मीकि, उनके आश्रम में पले सीतापुत्र लव-कुश, निषादराज केवट और भक्त शिरोमणि शबरी को भी नकारने की कोशिश कर रहे हैं।  यह कहना हास्यास्पद ही है कि कोई स्वयं को शबरी का पुत्र बताये, लेकिन माता शबरी ने जिनकी भक्ति से संत समाज में अक्षय कीर्ति पायी, उस महानायक श्रीराम को ही काल्पनिक बता दे।    आस्था पर चोट और समाज को बाँटने की ऐसी ओछी राजनीति कभी सफल नहीं होगी।

 बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी  ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में नया विवाद खड़ा कर दिया है. डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती के मौके पर उन्होंने मंच से भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल खड़े करने वाला विवादित बयान दिया है. जिसके बाद से सोशल मीडिया पर उनके बयान वाला वीडियो वायरल हो रहा है. इस मामले में अब बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास मांझी ने भी प्रतिक्रिया दी है. जमुई में गुरुवार को अंबेडकर जयंती पर हुए एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि राम कोई भगवान नहीं थे, वाल्मीकि और तुलसीदास के काव्य पात्र थे. वे यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि राम भगवान थोड़े ही थे, वे तो महाकाव्य के पात्र थे. उन्होंने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पूजा पाठ करने से कोई बड़ा नहीं होता. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों को पूजा पाठ करना बंद कर देना चाहिए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! Copyright Reserved © RD News Network