आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 23 मार्च 2023 : पटनाः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को बिहार विधान परिषद के सदस्य और पूर्व मंत्री सम्राट चौधरी को पार्टी की बिहार इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें मनोनीत किया है। आज पत्र जारी कर पार्टी प्रवक्ता संजय मयूख ने इसकी जानकारी दी गई है। वहीं इससे पहले संजय जायसवाल को भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी थी लेकिन अब उनकी छुट्टी कर दी गई है। संजय जायसवाल का कार्यकाल पिछले साल नवंबर में ही समाप्त हो गया था।
कुशवाहा समाज से आने वाले सम्राट चौधरी बिहार के दिग्गज नेता रहे शकुनी चौधरी के पुत्र है। शकुनी चौधरी सात बार विधायक रहे हैं। वह बिहार भाजपा अध्यक्ष के रूप में संजय जायसवाल की जगह लेंगे। सम्राट चौधरी बिहार भाजपा के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। वह 1999 में कृषि मंत्री और 2014 में शहरी विकास और आवास विभाग के मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लिया ये फैसला
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सम्राट चौधरी को बिहार भाजपा का अध्यक्ष बनाने का फैसला किया है. वो डॉ. संजय जायसवाल की जगह लेंगे. सम्राट चौधरी NDA की सरकार में पंचायती राज विभाग के मंत्री थे.
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की तरफ से चिट्ठी में लिखा है कि ‘बिहार विधान परिषद के सदस्य सम्राट चौधरी बिहार प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का नए प्रदेश अध्यक्ष होंगे. यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी. बता दें कि महागठबंधन सरकार बनने के बाद दिल्ली में बीजेपी की बड़ी बैठक हुई थी. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा समेत कई बड़े नेता थे. इस बैठक में पार्टी में बड़े स्तर पर बदलाव की चर्चा हुई थी. जिसके बाद विजय सिन्हा को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और सम्राट चौधरी को विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष बनाने का फैसला लोया था. तब ही प्रदेश अध्यक्ष की भी घोषणा होनी थी लेकिन किसी वजह से इसका ऐलान नहीं हुआ था.
सम्राट चौधरी को बीजेपी ने ये जिम्मेदारी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर दी है. वो कुशवाहा समाज का हिस्सा है. इसके अलावा वो काफी समय से CM नीतीश कुमार के खिलाफ लगातार हमला बोल रहे थे. इससे पहले उन्हें विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी. कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी ने CM नीतीश के खिलाफ उन्हें उतारा है. वो कुशवाहा समाज का वोट बीजेपी की तरफ ला सकते हैं.
विधान परिषद् की सदस्यता छिनवा दी थी जदयू ने
जदयू ने सम्राट से न केवल किनारा किया, बल्कि दल-बदल कानून के आधार पर विधान परिषद् की उनकी सदस्यता भी छिनवा दी। समय बदला और फिर नीतीश कुमार भाजपा के साथ आ गए, हालांकि तबतक सम्राट चौधरी ने भाजपा के अंदर अपनी जगह बना ली थी। अब जब एक बार फिर नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ महागठबंधन-2 सरकार चला रहे हैं तो विधान परिषद् के अंदर-बाहर सम्राट चौधरी विपक्ष की सबसे बुलंद आवाज भी माने जाते हैं।