आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 18 मई 2022 : पटना । पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं सांसद सुशील कुमार मोदी ने आज ट्वीट में कहा कि भाजपा कभी जातीय जनगणना के विरुद्ध नहीं रही, इसलिए इस मुद्दे पर बिहार विधानसभा और विधान परिषद से दो बार पारित सर्वसम्मत प्रस्ताव में भाजपा भी शामिल रही। जब इस मांग को लेकर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गया, तब उसमें बिहार से वरिष्ठ मंत्री जनक राम और झारखंड प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी शामिल हुए। केंद्र सरकार ने सबकी राय पर सम्मानपूर्वक विचार करने के बाद व्यावहारिक कारणों से जातीय जनगणना कराने में असमर्थता प्रकट की है।

जातीय जनगणना कराने पर देश में वर्षों से शीर्ष स्तर पर चिंतन-मनन जारी है।यूपीए सरकार के दौरान    2010 में जब इस विषय पर लोकसभा में चर्चा हुई थी, तब भाजपा के गोपीनाथ मुंडे ने प्रस्ताव का समर्थन किया था।      जातीय जनगणना पर भाजपा का अभिमत संसद और विधानमंडल की कार्यवाही के रिकार्ड पर है।  

तेलंगाना ने 2014 और कर्नाटक ने 2015 में जातीय जनगणना कराई थी जिसका भाजपा ने कभी विरोध नहीं किया। जब उड़ीसा विधानसभा ने जातीय जनगणना कराने के पक्ष में सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया, तब वहां भी भाजपा ने इसका समर्थन किया।  पार्टी के रुख में प्रामाणिक निरंतरता के बावजूद यदि कोई हमें जातीय जनगणना का विरोधी बताता है, तो यह थेथरोलाजी दुर्भाग्यपूर्ण है। 

https://youtu.be/dtGfLMsY2Ww

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