जांच से हो सकता है अकूत संपत्ति का खुलासा

आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 06 अगस्त 2022 : कटिहार : 67 वी बीपीएससी परीक्षा प्रश्नपत्र धांधली के आरोपी डीएसपी रंजीत रजक की संलिप्तता की पुख्ता सबूत मिलने के आर्थिक अपराध ईकाई ने उसे 12 जूलाई को गिरफ्तार कर लिया था । साथ ही उनसे मिली जानकारी के आलोक मे जगह जगह जांच की जा रही है। निलंबित डीएसपी रंजीत रजक का पैतृक घर मनिहारी प्रखंड के हसवर मे है। यहीं के बीपीएसपी हाई स्कूल मे उन्होंने पढा़ई की है। ईसी विद्यालय मे कुछ काल तक अध्यापन कार्य से भी जुड़े रहे।

विवादों से इनका रिश्ता पुराना है।2012 मे भी इन पर बीएससीसी परीक्षा प्रभावित करने का आरोप लगा था। उस समय श्री रजक प्रशिक्षु डीएसपी थे। उन्हें आर्थिक अपराध मे शामिल पाये जाने पर आर्थिक अपराध थाना कांड संख्या 23/12 के तहत 20- 10- 2012 केश दर्ज किया गया था।11- 5- 2015 को एसडीजेएम पटना की कोर्ट ने इस मामले मे संज्ञान लिया और उन्हें आर्थिक अपराध मे संलिप्त पाया। पुलिस आर्थिक अपराध ईकाई के आई जी ने डीएसपी रजक के विरुद्ध जांच के बाद उनपर 420,468,473,120बी भादवि की धाराएं आयत की थीं। तब उन्हें तत्तकाल प्रभाव से सरकार ने निलंबित कर दिया था। निलंबित रंजीत रजक का एक भाई एसडीएम तो दूसरा भाई श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी है। अन्य रिश्तेदार भी ऊचे ओहदे पाने मे सफल रहे हैं। शनिवार को उनके पैतृक आवास पर आर्थिक अपराध ईकाई की जांच दल व्दारा जांच करने पहुंचने पर कई लोग दबी जुबान से चर्चा करते सुने गये, कि जांच गंभीरता व सही दिशा मे की गयी तो इनके माध्यम से उपकृत होने वाले कई सफेदपोश भी बेनकाब हो जाएंगे।

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