आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 24 सितम्बर 2022 : पटना । बिहार मेरे लिए एक खास प्रदेश रहा है। मेरे गांव में क्लास टीचर बिहार के ही थे। बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश अर्थात पूर्वांचल का प्रभाव मेरे जिन्दंगी में इतना गहरा है कि आज उनके पास जो भी छोटा मोटा ज्ञान है, इसी पूर्वांचल से जुड़ा हुआ है। न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका को एक दूसरे का विरोधी नहीं पूरक  समझना चाहिए और एक टीम की भावना  और मकसद से काम करना चाहिए। एडवोकेट्स एक्ट के तहत जो भी समस्या है उसको और मजबूत करेंगे। जो भी बदलाव होगा बातचीत करके ही किया जाएगा। समाज वकीलों से बहुत उम्मीद रखता है। दूर दराज में रहने वाले लोगों के लिए मुफ्त में सेवा देनी चाहिए।  देशभर के 25  हाई  कोर्ट में अस्सिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल की जगह डिप्टी सॉलिसिटर जनरल के नाम से नियुक्त किया जाएगा।  सभी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखा गया है की जो देश में 1800 फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने  का निर्णय 14 वें फाइनेंस कमिशन  के तहत  हुआ था, जबकि अभी सिर्फ 896 फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ही कार्यरत है। अभी आधा से कम फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट  बने हैं। निचली अदालतों में सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर  हाई कोर्ट और राज्य सरकार में तालमेल होना जरूरी है। ज्यूडिशियरी में बुनियादी सुविधाएं बढ़ाई जानी चाहिए।  यदि पैसों की कमी है तो बताएं प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री से बात की जाएगी।  हाई कोर्ट और  सुप्रीम कोर्ट में भी भारतीय भाषा व स्थानीय  भाषा को बढ़ावा दी जानी चाहिए।  जिसको जिस भाषा में सुविधा हो उसी हिसाब से से मौका देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट को भी सोचना होगा।  ये बातें  बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) व बिहार स्टेट बार कॉउंसिल के सौजन्य से राजधानी पटना के बापू सभागार में  शनिवार को  आयोजित  राष्ट्रीय सेमिनार एवं ट्रैनिंग प्रोग्राम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कही। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस यू यू ललित ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में इकट्ठे हुए वकिलों को उन्होंने नहीं देखा है। सुप्रीम के चीफ जस्टिस यू यू  ललित ने हिंदी में भाषण दिया।  उन्होंने वकील की खासियत बताते हुए  कहा कि गांधीजी ने  अपने दांडी यात्रा के दौरान सत्याग्रह आंदोलन में शायद नमक  को ही क्यों चुना क्योंकि नमक  का हर आदमी की जिंदगी में  एक अहम बात होती है।   

कार्यक्रम का उद्घाटन भारत के चीफ जस्टिस(सीजेआई) न्यायमूर्ति  यू यू ललित ने दीप प्रज्वलित करके किया। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कॉल, जस्टिस एम आर शाह, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस जे के माहेश्वरी, जस्टिस एम एम सुंदरेश व पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।  इस  मौके पर बी सी आई के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि आज के कार्यक्रम को को इतिहास में लिखा जाएगा। श्री मिश्रा ने राज्य के सिविल कोर्ट  आदि में  वकीलों के बैठने समेत अन्य बुनियादी सुविधाओं के बारे में चर्चा किया। धन्यवाद ज्ञापन स्टेट बार कॉउंसिल के अध्यक्ष ब रमाकांत  शर्मा ने किया।इस एकदिवसीय कार्यक्रम के प्रथम सत्र में ” समाज के निर्माण में अधिवक्ताओं का योगदान ” विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। वही, दूसरे सत्र में  यूवा वकीलों के लिए प्रशिक्षण का कार्यक्रम रखा गया था। समाज निर्माण में भूमिका, क्लाइंट के साथ और कोर्ट में कैसे व्यहवार किया जाए समेत अन्य  जरूरी बातों को लेकर यूवा वकीलों को प्रशिक्षित किया गया।

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