आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 02 जुलाई 2022 : कैमूर : पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पहुंचे कैमूर माता मुंडेश्वरी के दरबार में टेका माथा माता मुंडेश्वरी के दरबार में पूजा अर्चना करने के बाद भभुआ जिला न्यायालय परिसर में पहुंचते ही उन्होंने कहा कि यह मील का पत्थर स्थापित करने के लिए न्याय निर्णयन प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों खासकर अधिवक्ताओं को उनके सम्मिलित प्रयत्नों के लिए धन्यवाद दिया। मुख्य न्यायाधीश कैमूर जिले के मोहनिया में नवस्थापित अनुमण्डलीय न्यायालय एवं भभुआ में न्यायिक पदाधिकारियों के लिए नवनिर्मित 24 आवासों का शनिवार को उद्घाटन कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि न्याय का अर्थ मात्र मुकदमों का निर्णय करना नहीं है बल्कि किसी की आंख के आंसू पोंछना है। व्यक्ति को न्याय के प्रति आश्वस्त करना है। यह संभव करते हीं भारत एकबार फिर सोने की चिड़िया बनेगा।
उन्होंने जजों का आह्वान करते हुए कहा कि हमें प्रतिपल अपने को स्मरण कराना है कि हम सेवक के रुप में यहां बैठे हैं और हमारा काम सारे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक बाधाओं को दरकिनार कर सेवा करना है।
उन्होंने कहा कि हमारे उपर समाज की आंखें लगी हैं। हम समाज के प्रति जिम्मेदार हैं। हमारा प्रत्येक कार्य, वचन एवं व्यवहार लोगों में न्याय प्रक्रिया के प्रति विश्वास दृढ़ करनेवाला होना चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अधिवक्ता गण न्याय प्रणाली के प्रहरी हैं। उन्हें सामने आकर समस्याओं को मुंसिफ से लेकर मुख्य न्यायाधीश स्तर तक मजबूती से उठाना है। समाधान के लिए मुकम्मल व्यवस्था बना दी गई है।
उन्होंने कहा कि अत्यंत हर्ष की बात है कि न्यायपालिका में महिला न्यायाधीशों की संख्या 25 से 35 प्रतिशत हो गयी है। अच्छी संख्या में महिलाएं अधिवक्ता बन रहीं हैं। महिला अधिवक्ताओं से अनुरोध है कि न्यायपालिका को कैरियर के रूप में चुनें।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कोरोना काल में हम सभी ने अपने को डिजिटली शिक्षित किया और महामारी के बावजूद डिजिटल माध्यम अपनाकर न्याय प्रक्रिया को जारी रखा। अपनी जान पर खेलकर न्याय प्रक्रिया जारी रखने में अमूल्य योगदान के लिए उन्होंने अधिवक्ता लिपिकों एवं न्यायालय कर्मियों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।

कैमूर जजशिप में 50 हजार से अधिक मुकदमों के लंबित होने पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने जिला जज से डेली मानिटरिंग कर उनके शीघ्र निस्तारण की अपील की। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मोहनियां में अनुमण्डलीय न्यायालय के शुरु हो जाने से पांच प्रखण्डों की एक बड़ी आबादी के लिए न्याय और सुलभ हो जाएगा।

अंत में उन्होंने न्याय को उनलोगों के दरवाजे तक पहुंचाने की अपील की जो न्यायालय पहुंचकर न्याय मांगने में असमर्थ हैं। इसके लिए उन्होंने लीगल सर्विस अथारिटी, उसके स्वयंसेवकों एवं अधिवक्तागण का आह्वान किया। हाईकोर्ट जज अश्विनी कुमार सिंह ने ईमानदारी, निष्पक्षता, स्वतंत्रता एवं योग्यता को न्यायाधीशों के लिए आवश्यक बताते हुए कहा कि इनके आधार पर हीं सही न्याय संभव है। अधिवक्ताओं में भी इन गुणों का होना जरूरी है।

निरीक्षी न्यायाधीश संजय कुमार ने कहा कि न्याय प्रदान करने के लिए सुगठित मूल संरचनाओं का होना जरूरी है। उन्होंने जिला पदाधिकारी से यथाशीघ्र निर्माणाधीन सिविल कोर्ट भवन को पूरा करने तथा अधिवक्ता गण के लिए भी जरूरी संरचनाओं के निर्माण का अनुरोध किया।

जस्टिस डा. अंशुमान ने कहा कि न्यायाधीश और अधिवक्ता न्याय की नाव के खेवैया हैं। उनके बीच सम्यक समन्वय हीं न्याय निर्णयन प्रक्रिया का मूल आधार है।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश संपूर्णानंद तिवारी ने मुख्य न्यायाधीश तथा अन्य न्यायाधीशों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन किया एवं उन्हें पुष्प गुच्छ एवं समृति चिह्न भेंट किया। उन्होंने अतिथियों को कैमूर में न्यायपालिका के इतिहास और वर्तमान स्थिति से अवगत कराते हुए उनके आगमन के लिए आभार व्यक्त किया।

जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ चौबे और महासचिव श्यामानंद उपाध्याय ने अंगवस्त्र एवं मानपत्र से अतिथियों का अभिनंदन किया। मुख्य न्यायाधीश ने मोहनियां में अनुमण्डलीय न्यायालय एवं भभुआ में न्यायिक पदाधिकारियों के लिए नवनिर्मित 24 आवासों का उद्घाटन किया।


प्रिंसिपल जज राजेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। जिला पदाधिकारी नवदीप शुक्ल एवं पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार के नेतृत्व में अधिकारीगण व्यवस्था एवं सुरक्षा में तैनात थे। इस अवसर पर विधि सचिव आर पी मिश्र उच्च न्यायालय पटना, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम नम्रता तिवारी, राजेश कुमार शुक्ल अपर एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय, अंजनी कुमार श्रीवास्तव अपर एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ, आशुतोष कुमार उपाध्याय स्पेशल जज पास्को, राजेश कुमार वर्मा एडीजे इलेवन, सुनील कुमार चौबे एडीजे दस, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव मधुकर सिंह एवं ADJ 5, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी रश्मि प्रसाद, सब जज सुनील दत्त, संदीप कुमार एसीजेएम 5, शहरयार मोहम्मद अफजल एसीजेएम 4, न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह, न्यायधीश कुमारी ज्योत्सना, मनोज कुमार एसीजेएम सात, एसडीजेएम सुशील कुमार श्रीवास्तव, मुंसिफ अमृता सिंह, न्यायिक दण्डाधिकारी सचिन कुमार मिश्र, प्रतीक आनंद द्विवेदी मुंसिफ मोहनिया, एसीजेएम सुभाष कुमार, न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीष मिश्र, न्यायिक दंडाधिकारी आरती उपाध्याय, न्यायिक पदाधिकारी अंकिता त्रिपाठी, जिला अधिवक्ता संघ कैमूर कोषाध्यक्ष लक्ष्मीकांत तिवारी, वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार सिंह, प्रहलाद सिंह, कमलेश्वर तिवारी, दिलीप सिंह, शिव प्रकाश राय, अधिवक्ता वीरेंद्र यादव, संजय तिवारी अधिवक्ता मनीष कुमार ओझा, अधिवक्ता विद्या कुमार पांडे, सहित कई अधिवक्तागण, न्यायालय कर्मी एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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