विधान परिषद में सदस्य नीरज कुमार द्वारा किये गए ध्यानाकर्षण पर राज्य सरकार का वक्‍तव्‍य

आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 03 मार्च 2022 : पटना : श्री नीरज कुमार माननीय रा०वि०प० द्वारा किये गए ध्यानाकर्षण पर राज्य सरकार का वक्‍तव्‍यघ्‍यानाकर्षणबिहार लगातार कई वर्षों से निरंतर उच्च आर्थिक वृद्धि दर दर्ज करने में सफल रहा है। राज्य का 28 जिला बाढ़ एवं सुखाड़ जैसी प्राकृतिक आपदा के कारण राज्य की प्रगति बाधित होती है। राज्य के अधिकांश संसाधन बाढ़ नियंत्रण व्यवस्था एवं बाढ़ से क्षतिग्रस्त आधारभूत संरचना के पूर्णत: निर्माण एवं कृषि क्षेत्र की क्षति भरपाई में लग जाता है। सीमित संसाधन के बावजूद बिहार जैसा राज्य पथ का निर्माण ऊर्जा, कृषि एवं सम्बद्ध उत्पादकता एवं शिक्षा प्रक्षेत्र में विभिन्न संस्थानों का निर्माण एवं अनेक उपलब्धियाँ प्राप्त किया है। नीति आयोग द्वारा बहुआयामी गरीबी सूचकांक बेसलाईन प्रतिवेदन 2020 का नवम्बर 2021 में प्रकाशित रिपोर्ट में आय, प्रति व्यक्ति निवेश, मानव विकास असमानता, नवाचार इत्यादि मापदंड में बिहार राष्ट्रीय औसत से पीछे है। ऐसी स्थिति में नीति आयोग द्वारा गरीबी सूचकांक प्रतिवेदन के आधार पर राज्य सरकार द्वारा राज्य को 12 सूचकांको यथा शिक्षा, स्वास्थ्य जीवन से जुड़े कुल 11 संकेतांको पर अपेक्षित प्रगति के लिए अतिरिक्त संसाधन की आवश्यकता है।
               

अतः सरकार से नीति आयोग द्वारा निर्धारित 12 संकेतांकों पर अपेक्षित प्रगति एवं राष्ट्रीय स्तर पर बिहार को लाने के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने के मद में देश के संघीय ढांचे के अनुरूप विकास के अवसर की समानता को दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार द्वारा किये गये कार्य एवं अतिरिक्त संसाधन के लिए केन्द्र सरकार से अनुरोध के संबंध में स्पष्ट वक्तव्य की माग करता हूँ।
उत्तर नीति आयोग द्वारा बहुआयामी गरीबी सूचकांक मे 12 मानक रखे गये हैं। इनमें शिक्षा के दो स्वास्थ्य के 3 एवं शेष 7 सूचकाक जीवन स्तर से जुड़े है। इन सूचकांको का उपयोग विकसित विकासशील राज्यों की गरीबी की माप के लिए एक समान रूप से किया जा रहा है, जबकि विकास के विभिन्न स्तरों पर अलग-अलग राज्यों में विकास सूचकांको की प्राथमिकता बदलती है। वर्ष 2004-05 में बिहार 54.4 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे थी जो वर्ष 2011 में घटकर 33.7 हो गई। महज 7 वर्षों की अवधि में राज्य सरकार के प्रयासों से गरीबी दर में 20.7 प्रतिशत की कभी हुई थी।

MPI में शिक्षा के दो ही मानक लिए गये हैं। राज्य में वर्ष 2005 में 10वीं बोर्ड की परीक्षा में 5.6 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे जो वर्ष 2011 में बढ़कर 16.84 लाख हो गये। इसी अवधि में 12वी बोर्ड की परीक्षा में 3.5 लाख परीक्षार्थियों की संख्या बढ़कर 13.51 लाख हो गयी है। बालिका साईकिल योजना, कन्या प्रोत्साहन योजना इत्यादि योजनाओं के प्रभाव से राज्य में बालिकाओं की शिक्षा में नामांकन एवं शैक्षिक उपलब्धियों में एक बड़ा उछाल आया है। वर्ष 2005-06 से अबतक राज्य में 21.264 नये प्राथमिक विद्यालय खोले। गये। प्रारंभिक शिक्षा के 2,77,403 वर्ग कक्ष बनाये गये। वर्ष 2006-107 से वर्ष 2016-17 तक 3,49,000 शिक्षकों का नियोजन किया गया। राज्य की साक्षरता दर वर्ष 2001 के 47 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2011 में 61.8 प्रतिशत हो गयी । “शिक्षा के क्षेत्र में अनेक उत्साहजनक प्रगति के आंकड़ों को नीति आयोग के मानकों में स्थान ही नहीं दिया गया है।               

स्वास्थ्य के क्षेत्र में MPI के मात्र सूचकांक लिये गये हैं। बिहार में प्रजनन दर (Total Fertility Rate) 3.6 (2011) घटकर 3.0 (2019-20) हो गयी। जीवन संभाव्यता (Life Expectancy at Birth) जो स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण सूचकांक है, में बिहार ने काफी प्रगति की है। वर्ष 2006-10 में जीवन सभाव्यता 658 वर्ष थी, जो 2014-18 में बढ़कर 69.1 वर्ष हो गई, जो राष्ट्रीय औसत (69.4 वर्ष) के लगभग समान है। इन प्रगति को सूचकांक में शामिल ही नहीं किया गया है।             

बहुआयामी गरीबी सूचकाक अंतर्गत जीवन स्तर में बेहतरी के लिए 7 सूचकाक शामिल किये गये हैं। वर्ष 2005 में मात्र 700 मेगावाट बिजली की खपत होती थी, वहीं वर्ष 2021 में अधिकत्तम 6627 मेगावट बिजली की खपत हुई थी। वर्ष 2005 से अबतक पथ निर्माण विभाग की 18992 कि०मी० सडक तथा 6047 पुलों का निर्माण किया गया है। वर्ष 2005 में ग्रामीण पथों लंबाई 3112 कि०मी० थी, जो अबतक 89361 कि०मी० हो गयी है तथा 18686 कि०मी० पर कार्य जारी है। सात निश्चय योजना के हर घर नल का जाल कार्यक्रम अंतर्गत 192.53 लाख घरों में से 183:53 लाख घरों को नल का जल उपलब्ध करा दिया गया है। हर घर तक पक्की गली-नालियाँ योजना अंतर्गत 1,17,991 वार्डो के विरुद्ध 1.17,464 वार्डो को आच्छादित किया जा चुका है। वर्ष 2014-15 से से 2019 20 की अवधि में राज्य में प्रति व्यक्ति विकास व्यय में 17.9 प्रतिशत की वार्षिक दर से वृद्धि हुई है जबकि राष्ट्रिय औसत 11.6 प्रतिशत ही है। प्रति व्यक्ति उर्जा की खपत वर्ष 2012-13 मे 145 किलोवाट प्रति घंटा थी जो वर्ष 201-20 में 332 किलोबाट प्रति घंटा हो गयीं।                 

कृषि विकास की दीर्घकालीन योजना पर कार्य किया गया। कृषि रोड मैप की उपलब्धि है कि राज्य में वर्ष 2006-07 में मीट उत्पादन कुल 1.78 लाख मेट्रिक टन था जो वर्ष 2019-20 में | 3.83 लाख मेट्रिक टन हो गया। राज्य में वर्ष 2006-07 में अण्डा का उत्पादन 94 करोड़ से बढ़ कर वर्ष 2019-20 में 274.08 करोड़ हो गया है। मत्स्य का उत्पादन वर्ष 2005-06 में 2.79 लाख मेट्रिक टन था जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 6.41 लाख मेट्रिक टन हो गया। राज्य में फल के उत्पादन में वृद्धि हुई है। राज्य में दुग्ध उत्पादन 57.67 लाख मेट्रिक टन से बढ़कर 104.94 लाख मेट्रिक टन हो गया है। राज्य को पाँच बार कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त हो चुका है।                   

बिहार की आर्थिक वृद्धि दर वर्ष 2005-06 में (-) 1.69 प्रतिशत थी, जो अर्थव्यवस्था की गिरावट का प्रतीक रहा है। वर्ष 2006-07 मे बिहार राज्य की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर (स्थिर मूल्य पर ) 16 18 प्रतिशत हो गयी, जो राष्ट्रीय विकास दर (9.57 प्रतिशत) से काफी अधिक थी। वित्तीय वर्ष 2008-09 में बिहार की वृद्धि दर 1454 प्रतिशत थी, जो राष्ट्रीय वृद्धि दर 6.72 प्रतिशत से दो गुना अधिक थी। इस वर्ष आर्थिक वृद्धि दर के आधार पर देश के बड़े राज्यों में बिहार प्रथम स्थान पर था। पुनः वर्ष 2010 11 में बिहार राज्य की वृद्धि दर 15.03 प्रतिशत थी. जो राष्ट्रीय वृद्धि दर 8.91 प्रतिशत से काफी अधिक थी और बड़े राज्यों में बिहार दूसरे स्थान पर था वर्ष 2011-12 में भी बिहार 1029 प्रतिशत वृद्धि दर के साथ बड़े राज्यों में प्रथम स्थान पर था बाद के वर्षों में भी राज्य निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहा है। भारत सरकार के आंकड़ो के अनुसार बिहार की वृद्धि दर वर्ष में 2016-17 में 89 प्रतिशत, वर्ष 2018-19 में 9.3 प्रतिशत तथा वर्ष 2019-20 में 10.5 प्रतिशत रही, जो राष्ट्रीय वृद्धि दर से अधिक है।                   

नीति आयोग द्वारा incremental improvement को पूरी तरह से दर किनार कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में बिहार के विशेष राज्य का दर्जा देने के दावे को और बल मिलता है। विशेष राज्य का दर्जा मिलने के पश्चात राज्य को विकास कार्यो के लिये संसाधनों की उपलब्धता आसान हो जाएगी।

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