– 2047 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने में लगा संगठन धर्मनिरपेक्षता के लिए खतरा 

– कांग्रेस, राजद, जदयू जैसे नकली धर्मनिरपेक्ष दल दे रहे पीएफआइ को पोलिटिकल कवर 

आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 28 सितम्बर 2022 : पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने आतंकी गतिविधियों में लिप्त पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के साहसिक फैसले का स्वागत किया और महागठबंधन सरकार को चुनौती दी कि यदि हिम्मत है, तो वह आरएसएस पर प्रतिबंध लगाये। सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद आतंकी संगठन के लोगों का मजहब देख कर वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजद, कांग्रेस और जदयू के नेता प्रतिबंधित पीएफआइ को पोलिटिकल कवर देने के लिए इसकी तुलना आरएसएस जैसे देशभक्त और अनुशासित संगठन से कर रहे हैं। 

सुशील मोदी ने कहा कि 12 जुलाई को फुलवारीशरीफ में एनआइए के छापे से पीएफआइ के आतंकी नेटवर्क और 2047 तक भारत की धर्मनिरपेक्षता को कुचल कर इसे मुस्लिम राष्ट्र बनाने के हिंसक इरादों की जानकारी मिली थी। उन्होंने कहा कि इतने गंभीर मामले की जांच नीतीश सरकार एनआइए को सौंपना नहीं चाहती थी। उसे अपना “वोट बैंक” बचाना देश की सुरक्षा और धर्मनिरपेक्षता से ज्यादा जरूरी लग रहा था। सुशील मोदी ने कहा कि आतंकवाद पर लालू-नीतीश सरकार के नरम रवैये के कारण बिहार में कई आतंकी मॉड्यूल पनपते रहे। उन्होंने कहा कि राजद के शिवानंद तिवारी को “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे में कोई देशद्रोह नहीं दिखता और जदयू के ललन सिंह पीएफआइ की आतंकी गतिविधियों के सबूत मांग रहे हैं। यही लोग कभी सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रहे थे। सुशील मोदी ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस की सिद्धरमैया सरकार ने भीषण दंगों के बाद दर्ज 160 प्राथमिकी वापस लेकर पीएफआइ के 1600 से ज्यादा दंगाइयों को छोड़ दिया, जिससे इस संगठन का दुस्साहस लगातार बढ़ा। आज भी कांग्रेस इस नापाक संगठन का बचाव कर रही है, जबकि पीएफआइ को सीरिया, अफगानिस्तान और बांग्लादेश तक से आतंकी फंडिंग के सबूत मिल चुके हैं।

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