• बिहार सरकार की उदासीनता के कारण उपेक्षित रही है वीरकुंवर सिंह की पावन धरती
  • पीएम नरेंद्र मोदी का सपना, अमर शहीदों से देशवासियों को मिलती रहे प्रेरणा।
  • स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों से जुड़े स्थानों तक जाएगी केंद्र सरकार और भाजपा।

आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 07 मई 2023 : आरा : केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बिहार सरकार पर देश के अमर शहीदों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए घोषणा किया कि आरा रेलवे स्टेशन के समीप त्रिभुवन कोठी मोड़ के पास बाबू कुंवर सिंह की भव्य आदमकद प्रतिमा स्थापित की जाएगी। नित्यानंद राय ने बताया कि इसके लिए पूर्व मध्य रेलवे ने स्थल का चयन कर लिया है। प्रतिमा स्थल के पास रेल यात्रियों की सुविधा के लिए अमृत भारत योजना के तहत विकास कार्य भी कराए जाएंगे। 10 मई से प्रतिमा स्थल की साफ सफाई कराई जाएगी और वहां से क्षतिग्रस्त संरचनाओं को हटाया जाएगा। 15 जून से प्रतिमा निर्माण कार्य शुरू होगा और 30 जून को प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

नित्यानंद राय ने जानकारी साझा करते हुए कहा कि साल 2022 में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आरा में बाबू कुंवर सिंह के विजयोत्सव समारोह में पहुंचे थे इस दौरान राष्ट्रीय झंडा फहराने का एक नया रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ था। अमित शाह ने जगदीशपुर के दुलौर मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान आरा में कुंवर सिंह की भव्य प्रतिमा बनवाने की घोषणा की थी। केंद्र सरकार अपने किए हुए वादों को निभाती है, इसका उदाहरण आरा में बन रही यह प्रतिमा है। अमित शाह की घोषणा के साल भर बाद ही आरा शहर में बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा का निर्माण हो रहा है। 

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए नित्यानंद राय ने बताया कि पीएम मोदी का सपना है कि हर वीर शहीद की अमर गाथा देशवासियों की यादों में ताजा रहे। हमारे देश की पीढ़ी दर पीढ़ी वीर सेनानियों को याद कर उनसे प्रेरणा लेती रहे। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह लक्ष्य तय किया है कि देश के वीर शहीदों और स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों से जुड़े स्थलों तक पहुंचा जाए और इस कार्य को मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी लगातार कर रही है और आगे भी करते रहेगी।

नित्यानंद राय ने बिहार सरकार को आरोपित करते हुए कहा कि नीतीश सरकार की उदासीनता से आरा में ही बाबू कुंवर सिंह उपेक्षित रहे हैं। राज्य सरकार की उदासीनता के कारण वीर बांकुरा बाबू कुंवर सिंह अपने ही गृह जिले में उपेक्षित रहे हैं। कई बार राज्य सरकार ने वादा किया है कि जगदीशपुर स्थित कुंवर सिंह के किले का जीर्णोधार और उनकी चीजों को सहेजने के लिए संग्रहालय आदि की व्यवस्था की जाएगी, लेकिन यह अब तक हो नहीं पाया है। किले में संग्रहालय तो है लेकिन कुंवर सिंह की उपयोग की गई चीजें सुरक्षित नहीं हैं। अंग्रेजों के राज में आरा व्यवहार न्यायालय में आरा हाउस कुंवर सिंह ने गोले दागे थे, लेकिन आज भी ऐतिहासिक आरा हाउस उपेक्षा का दंश झेल रहा है। बिहार में साल 2005 में जब पहली बार एनडीए की सरकार सत्ता में आई तो हर साल विजयोत्सव के मौके पर राजकीय समारोह का आयोजन किया जाता था। विगत वर्षों से सरकारी स्तर पर इस आयोजन को केवल कागजों तक ही सीमित कर दिया गया है।

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