एमडीएच मसाला के मालिक धरमपाल गुलाटी का गुरुवार सुबह 98 साल की उम्र में निधन हो गया। खबरों के मुताबिक गुलाटी का पिछले तीन हफ्तों से दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। गुरुवार सुबह उन्हें हृदयगति रुकने का सामना करना पड़ा और सुबह साढ़े पांच बजे अंतिम सांस ली । प्यार से ‘दलाजी’ और ‘महाशयाजी’ कहा जाता है, गुलाटी का जन्म 1923 में पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था। स्कूल छोड़ने वाले, शुरुआती दिनों में अपने पिता के मसाले के कारोबार से जुड़ गए।

1947 विभाजन के बाद गुलाटी भारत चले गए और अमृतसर के एक शरणार्थी शिविर में रहे, इंडिया टीवी की खबर है । इसके बाद वह दिल्ली चले गए और दिल्ली के करोलबाग में एक स्टोर खोला। गुलाटी ने आधिकारिक तौर पर 1959 में कंपनी की स्थापना की थी। यह कारोबार सिर्फ भारत में ही नहीं फला-फूला बल्कि गुलाटी डिस्ट्रीब्यूटर और निर्यातक भी बन गए । उनकी कंपनी ब्रिटेन, यूरोप, यूएई, कैंडा आदि सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भारतीय मसालों का निर्यात करती है।

उन्हें 2019 में देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उन्हें ‘भारत का सबसे प्रेरणादायक उद्यमी’ के रूप में याद किया।

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