दिल्ली नगर निगम से 15 साल बाद भाजपा की सत्ता छिन गई।
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 07 दिसम्बर 2022 : नई दिल्ली। दिल्ली विधान सभा के बाद दिल्नली नगर निगम चुनाव 2022 में भी दिल्लीवासियों ने अरविंद केजरीवाल पर भरोसा किया है। अपनी जीत पर अरविंद केजरीवाल ने कहा- दिल्ली के लोगों ने बड़ा मैसेज दिया है. पॉजिटिव राजनीति करो, निगेटिव राजनीति नहीं करनी. सबसे कहता हूं कि अहंकार मत करना.कोई अहंकार न करे. अहंकार किया, तो ऊपर वाला माफ नहीं करेगा. भाजपा को पीछे छोड़ते हुए आप ने बहुमत हासिल कर लिया है।आप को 134 और भाजपा को 104 सीटें मिलीं। इसी के साथ ही दिल्ली नगर निगम से 15 साल बाद भाजपा की सत्ता छिन गई।
विधानसभा चुनाव के बाद नगर निगम के चुनाव में भी दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी और केजरीवाल पर अपना भरोसा जताया है. चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए कुल 42.05 फीसदी लोगों ने वोटिंग की. यह आंकड़े 2017 के नतीजों से कहीं ज्यादा हैं. 2017 का एमसीडी इलेक्शन दिल्ली 3 भागों में बंटा हुआ था. तब आप को NDMC में 27.88 फीसदी, SDMC में 26.44 फीसदी और EDMC में 23.4 फीसदी वोट शेयर मिला था. अगर इनका औसत निकाला जाए तो आप को करीब 25 फीसदी वोट वोट शेयर हासिल हुआ. इसकी तुलना वर्तमान नतीजों के वोट शेयर से करें तो 17 फीसदी की बढ़त मिली है. एमसीडी चुनाव 2022 में भले ही आप का वोटिंग पर्सेंटेज बढ़ा है लेकिन इसकी तुलना दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 से की जाए तो यह घटा है।इस चुनाव में भाजपा को 39.09 फीसदी वोट शेयर मिला है. 2017 के आंकड़ों से तुलना की जाएं तो भाजपा को NDMC में 35.63 फीसदी, SDMC में 34.87 फीसदी और EDMC में 38.61 फीसदी वोट शेयर मिला था. इन आंकड़ों का औसत निकाला जाए तो भाजपा का वोटिंग शेयर 35.5 रहा. इस तरह भाजपा को पूरी तरह से 1 फीसदी का भी नुकसान नहीं हुआ.
इस चुनाव में अगर सबसे ज्यादा नुकसान किसी पार्टी को हुआ तो वो है कांगेस। कांग्रेस की सीटें भी घटीं और वोट शेयर में भी बंपर गिरावट हुई। 2022 के चुनाव के नतीजों के मुताबिक, कांग्रेस का वोटिंग शेयर घटकर 11.68 फीसदी रह गया. 2017 के चुनाव से तुलना करें को कांग्रेस को NDMC में 20.73 फीसदी, SDMC में 20.29 फीसदी और EDMC में 22.84 फीसदी वोट शेयर मिला था. इस तरह 2017 का वोटिंग शेयर 21 फीसदी रहा है।
दिल्ली नगर निगम चुनाव में JDU का नहीं खुला खाता, 22 सीटों पर उतारे थे उम्मीदवार
दिल्ली में नगर निगम चुनाव में बिहार में ससत्तारूढ जदयू को को करारी हार (मिली है. दिल्ली की राजनीति में जदयू लगातार पांव जमाने की कोशिश करता रहा है , लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है. पिछला विधानसभा चुनाव बीजेपी के साथ गठबंधन में भी लड़ चुका है.