आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 02 मार्च 2023 : क्या झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है. रामगढ़ विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव का रिजल्ट ऐसा ही संकेत दे रहा है. एक विधानसभा क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव में खुद सीएम हेमंत सोरेन ने सारी ताकत झोंक दी थी. लेकिन कांग्रेस अपनी सीटिंग सीट गंवा बैठी. रामगढ़ के परिणाम ने झारखंड में चल रही सत्ता विरोधी लहर का साफ संकेत दे दिया है. अब खबर ये है कि सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि जेएमएम में भी भारी बेचैनी है. अपनी सीट बचाने के लिए कई विधायकों के पाला बदलने की चर्चा फिर से गर्म हो गयी है.

कांग्रेस विधायक ममता देवी के सजायाफ्ता होने के बाद रामगढ़ विधानसभा सीट खाली हो गयी थी. लिहाजा उप चुनाव हुआ. बीजेपी ने सुदेश महतो की आजसू से तालमेल करते हुए ये सीट छोड़ दी. आजसू उम्मीदवार सुनीता चौधरी ने कांग्रेस के प्रत्याशी बजरंग महतो को 21 हजार 644 वोट से शिकस्त दे दिया. 

हेमंत सोरेन ने रामगढ़ उपचुनाव को अपनी निजी प्रतिष्ठा की लड़ाई बना लिया था. उन्होंने रामगढ़ में जिस तरीके से ताबड़तोड सभा की और उनमें जो बयान दिये उससे यही साबित हुआ कि इस सीट का रिजल्ट ये बतायेगा कि वे जनता की नजर में फेल हैं या पास. हेमंत सोरेन रामगढ़ की अपनी चुनावी सभाओं में सारे कार्ड खेले. अपनी उपलब्धियां गिनायीं, सहानुभूति कार्ड खेला.  सीएम ने कहा कि  उनको आदिवासी होने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. वे लोगों को बताते रहे कि बीजेपी ने साजिश कर नियोजन नीति को रद्द कराया और  स्थानीयता विधेयक का वापस लौटाया. हेमंत सोरेन इतने बेचैन थे कि जनसभाओं में वे अपशब्दों पर भी उतर आये. एक सभा में उन्होंने विपक्षियों के लिए आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया तो दूसरी सभा में बीजेपी और आजसू को कसाई बता डाला. उन्होंने अपने तरकश के सारे तीर निकाल दिये लेकिन जनता नहीं पिघली.

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